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भारतीय मजदूर संघ से संबंध आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ ने लोक माता पुण्यस्लोका अहिल्याबाई होल्कर की 300 वा जयंती महिला दिवस के रूप मे मनाया l

दल्ली राजहरा
रविवार 1 जून 2025
भोज राम साहू 9893 765541
भारतीय मजदूर संघ जिला बालोद के जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर पुण्य स्लोका अहिल्याबाई होल्कर का 300 वां जन्म दिवस महिला दिवस के रूप में मनाया गया l कार्यक्रम में भारतीय मजदूर संघ के संबंद्ध आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ के सदस्य उपस्थिति थे । दिनांक 30-05-2025 को “पुण्यश्लोक” अहिल्याबाई होल्कर के जन्मदिवस को पूरे भारतवर्ष में भारतीय मजदूर संघ द्वारा महिला दिवस के रूप में मनाया गया l इसी कड़ी में भारतीय मजदूर संघ जिला बालोद ने बालोद नगर में परोपकारी कुशल प्रशासक, साहस और बुद्धिमत्ता की शप्रतिक अहिल्याबाई होल्कर का जन्मदिन “महिला दिवस” मनाया गया l जिसमें संघ के समस्त पदाधिकारीयों- कार्यकर्ताओं के साथ ही नगर के गणमान्य लोगों की उपस्थिति थी।
सर्वप्रथम पुण्यस्लोक अहिल्याबाई होलकर के तैलचित्र पर माल्यार्पण के पश्चात संघ गीत से कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ, कार्यक्रम का संचालन करते हुए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की जिलाध्यक्ष आयशा खान ने बताया कि यह बहुत ही सौभाग्य और गर्व की बात है कि आज देवी अहिल्या बाई होलकर के जन्मदिन को पूरा भारतवर्ष “महिला दिवस ” के रूप में मना रहा है यह मातृशक्ति के प्रति हम सब के समर्पण , असीम श्रद्धा व मातृशक्ति नमो नमः भाव को दर्शाता है l कार्यक्रम में उपस्थित आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सहायिका संघ की प्रदेश महामंत्री श्रीमती माधुरी रथ ने अपने उद्बोधन में कहा कि देवी अहिल्या बाई होल्कर के जन्मदिवस को आज पूरा देश मना रहा है l मगर हमें उनके संघर्षों को नहीं भूलना चाहिए कि किस तरह उन्होंने विषम परिस्थितियों में महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए लड़ाई लड़ी और अपने राज्य में विकास का एक आदर्श स्थापित किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में भारतीय मजदूर संघ जिला मंत्री मुश्ताक अहमद ने कहा कि जब भी हम “मां” शब्द का उच्चारण करते हैं तो निश्चित रूप से वह शब्द ध्वनि के माध्यम से निकलता है l लेकिन वह हृदय को स्पर्श करता हुआ मस्तिष्क को झकझोरता हुआ एक सर्वशक्तिमान संरक्षक का भाव मन में लाता हुआ उस शब्द का उच्चारण होता है l आज हम पूरे भारतवासियों के लिए गर्व का विषय है कि आज अहिल्याबाई के जन्म दिवस को हम सब महिला दिवस के रूप में मना रहे हैं l महारानी अहिल्याबाई को “पुण्य श्लोक” की उपाधि से सम्मानित किया गया था l जिसका अर्थ है धर्मि, उन्होंने अपने कार्यकाल में कई धार्मिक स्थलों मंदिरों घाटों और धर्मशालाओं का निर्माण कराया l विशेष कर काशी विश्वनाथ मंदिर और सोमनाथ मंदिर का पुनरुद्धार कर धर्म के प्रति अपने असीम श्रद्धा और राष्ट्र के प्रति अपने अनंत समर्पण को बताया कि निश्चित रूप से एक राजा की सीमाएं होती हैं l लेकिन राष्ट्र सर्वोपरि के नाते वह अपने राज्य के सीमाओं से हटकर पूरे राष्ट्र का सेवा करती थी l
अहिल्याबाई होलकर का जीवन सदा महिलाओं के सर्वांगीण उत्थान, उनके शिक्षा, उनके स्वास्थ्य, उनके आर्थिक स्वावलंबन की दिशा में लगातार सफलता पूर्वक कार्य किया l अपने साहस और दृढ़ संकल्प के साथ आने वाले चुनौतियों का सामना कर उन्होंने राज्य में शांति और समृद्धि स्थापित करते हुए, सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर कार्य किया l तत्कालीन समय में लोग उन्हें देवी का अवतार भी मानते थे l आज भारत की बेटियां चाहे शिक्षा के क्षेत्र में हो चाहे सेवा के क्षेत्र में हो अपना सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए देश के विकास में राष्ट्र के निर्माण में अपना संपूर्ण योगदान कर रही हैं जिसकी बुनियाद महारानी अहिल्याबाई होल्कर के समय से ही पड़ गई थी l