दल्ली राजहरा शनिवार 11 अक्टूबर 2025 भोज राम साहू 9893765541
दल्ली राजहरा में सुहागिन महिलाओं के द्वारा पति की दीर्घायु होने और पारिवारिक रिश्तों में प्रगाढ़ता बढ़ाने के लिए रखा गया करवाचौथ का निर्जला उपवास l
(दल्ली राजहरा के निर्मला स्कूल के पास करवा चौथ का सामूहिक पूजा करती मातृ शक्तियां )
विश्व गुरु भारत में परिवार के बीच एकता और अखंडता के बनाए रखने के लिए कई त्यौहार मनाये जाते हैं l भाई बहन के प्रेम का त्यौहार रक्षाबंधन ,भाई दूज और पति-पत्नी के बीच प्रेम का त्यौहार करवा चौथ , तीज और वटसावित्री तो बच्चों के लिए कमरछट l
सुहागिनों के व्रत का त्यौहार करवा चौथ जो की पश्चिम और उत्तर राज्यों में सुहागिन महिलाओं के द्वारा रखी जाती है l करवा चौथ मुख्यतः पंजाब, हरियाणा ,उत्तर प्रदेश , मध्य प्रदेश , राजस्थान , दिल्ली, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के राज्य में मनाया जाता है परंतु अब यह त्यौहार पूरे भारत देश में सुहागिनों के द्वारा बड़ी धूमधाम से कल मनाया गया l
करवा चौथ कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है l करवाचौथ’ शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, ‘करवा’ यानी ‘मिट्टी का बरतन’ और ‘चौथ’ यानि ‘चतुर्थी’। इस त्योहार पर मिट्टी के बरतन यानी करवे का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र और सफलता के लिए निर्जला उपवास रखती है l
(वीणा साहू एवं पीतांबर साहू दल्ली राजहरा )
अर्थात् इस उपवास में महिलाएं पानी तक नहीं पीती है l रात्रि में चंद्रमा का दर्शन होने पर महिलाये छलनी में दीप रखकर अपने पति को देखते हैं l अपने पति , भगवान शंकर, माता पार्वती , विघ्नहर्ता भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय के साथ चंद्र देव के पूजा अर्चना के बाद ही अपने पति के हाथों से पानी पीकर व्रत समाप्त करती है l
( तन्नू साहू तेज कुमार साहू साहू सदन के पास , न्यू बस स्टैंड , वार्ड 24 दल्ली राजहरा )
➡️🔥🌺क्या है मान्यता🌺🔥⬅️
(दामिनी साहू एवं सत्यवान साहू हॉस्पिटल सेक्टर दल्ली राजहरा )
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार करवा चौथ का त्यौहार सती सावित्री के द्वारा अपने पति सत्यवान की मृत्यु हो जाने पर यमराज से उन्हें जीवित होने का वरदान मिलने की कथा पर आधारित है l कथा अनुसार पतिव्रता सती सावित्री के पति सत्यवान की पत्नी ने यमराज से अपने पति का प्राण वापस मांगने की प्रार्थना की उसने यमराज से कहा कि वह उसका सुहाग को वापस लौटा दे l मगर यमराज ने इसे विधि का विधान कहते हुए उनकी बात नहीं मानी और सत्यवान को पुनः जीवित करने से लिए मना कर दिया l इस पर सावित्री अन्न जल त्याग कर अपने पति के मृत शरीर के पास बैठकर विलाप करने लगी l काफी दिनो तक सावित्री को देखकर यमराज को उस पर दया आ गया l
यमराज ने उनसे अपने पति की जीवन के अलावा कोई भी अन्य वर मांगने को कहा इस पर सावित्री ने कई बच्चों की मां बनने का वर मांग लिया l सावित्री पतिव्रता नारी थी और अपने पति के अलावा किसी के बारे में सोच भी नहीं सकती थी l तो यमराज को भी उनके हठ के आगे झुकना पड़ा और सत्यवान को जीवित कर दिया है l तभी से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए महिलाएं सती सावित्री का अनुसरण करते हुए निर्जला व्रत करती है l
( ओमवती और राजकुमार वार्ड क्रमांक 15 दल्ली राजहरा)
दूसरे त्यौहार में सात भाइयों की एक बहन करवा और भाइयों की आपसी प्रेम से संबंधित है l जिसमें करवा पतिव्रता स्त्री ने अपने पति की जान बचाने के लिए चौथ अर्थात चौथे दिन व्रत रखा और अपनी भक्ति से भगवान शिव और पार्वती को प्रसन्न कर अपने पति को जीवन दान दिया l
तो तीसरी कथा में भगवान शिव और पार्वती की कहानी भी करवा चौथ से जुड़ी हुई है पार्वती ने शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की और करवा चौथ का व्रत रखा l जिससे उनका शिव का वरन प्राप्त हुआ l
इन कथाओं के माध्यम से करवा चौथ का त्योहार पति-पत्नी के बीच प्रेम और समर्पण का प्रतीक बन गया है l सभी विवाहित महिलाएं साल भर इस त्योहार का इंतजार करती हैं और बड़े विधि विधान , श्रद्धा-भाव से व्रत को पूरा करती हैं। करवाचौथ का त्योहार पति-पत्नी के मजबूत रिश्ते, प्यार और विश्वास का प्रतीक है।
(माथुर फैमिली दल्ली राजहरा)
कहा जाता है कि करवा चौथ का कथा सुनने से विवाहित महिलाओं का सुहाग बना रहता है l उनके घर में सुख शांति समृद्धि और संतान सुख मिलता है l
लेकिन सच्चाई तो यह है कि परिवार में पति-पत्नी की बीच सामंजस्य और घर मे सुख शांति तभी बना रहता है l जब एक दूसरे की भावनाओं का आदर करें और मान सम्मान करें ! एक दूसरे के प्रति समर्पित रहे ! दोनों एक सिक्के के दो पहलू हैं l दोनों में परस्पर सामंजस्य बनी रहेगी तो सिक्का लोगों को खड़ा नजर आएगा l