“भ्रष्टाचार के भेट चढ़ा पत्रकार मुकेश चंद्राकर , जिम्मेदार लोगों को जन सुरक्षा कानून के तहत फांसी की सजा दी जाए “:– “जीत गुहा नियोगी अध्यक्ष जन मुक्ति मोर्चा छत्तीसगढ़ “

दल्ली राजहरा
सोमवार जनवरी 2025
भोज राम साहू 98937 65541
बस्तर बीजापुर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की पूंजीवादी हत्या की जन मुक्ति मोर्चा छत्तीसगढ़ घोर निन्दा करता है। यह हत्या आम हत्या नही है, सरकार पूंजीपति, भ्रष्ट ठेकेदार की वर्षो पुराना जुगलबंदी की भेंट चढ़ा है l पूरे भारत मे ऐसे घटनाओ की कमी नही है, जंहा व्यवस्था के विरुद्ध आवाज उठाने वालो को यह व्यवस्था बर्दास्त नही करती बल्कि ईमानदार लोगो को तबादला, बर्खास्त, जेल, और जरूतर पड़ने पर हत्या तक कर दिया जाता है l पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या महज एक भ्रष्ट ठेकेदार को भ्रष्टाचारी पर उठाये गये सवाल या लिखने, दिखाने पर ही नहीं किया गया है l बल्कि राजनीतिक लोग जो सत्ता के दुरुपयोग कर पूरे शासन तंत्र की भ्रष्टाचार में संलिप्ता के उजागर होने की डर से किया गया है। भ्रष्ट नेताओ अधिकारी की शह ही ऐसे ठेकेदार की डर खत्म करने का काम करता है l ऐसे में शोषण, दमन व भ्रष्टाचार की आवाज उठाने वाले ईमानदार व्यक्तियो को जान से हाथ धोना पड़ता है।
सवाल उठता है कि गंगालूर से मिरतुल तक 45 किलोमीटर की सड़क की लागत जो पहले 50 करोड़ थी, वो रातो रात 120 करोड़ के यानी पहले यह सड़क करोड़पति से अरबपति कैसे बन गया…..?
सरकार राजनैतिक नेताओं के लिए पूरे एजेंसी को मुस्तैद रखने वाले इस सड़क में हो रहे भ्रष्टाचार को कैसे नजर अंदाज कर दिया l देश मे लोकायुक्त, ई.डी. आयकर विभाग, सरीखे संस्थाएं व होनहार इंजीनियर होने के बावजूद इस भ्रष्टाचार में एक पत्रकार की नजर पड़ते ही चालीस चोरों की भ्रष्ट व्यवस्था की पोल खोलकर रख देती है।
मुकेश चंद्राकर ने जिस सड़क में भ्रष्टाचार होने की बात कही है l उनके द्वारा मात्र ठेकेदार के ऊपर ही उंगली नहीं उठाई है l बल्कि उन सारी एजेंसी जो घटिया सड़क निर्माण के लिए जिम्मेदार है वा खास तौर पर सड़क निर्माण में लगे, सुरक्षा दस्ता के अधिकारियो की अहम भूमिका पर जिसका निष्पक्ष जांच की आवश्यकता है।
मुकेश चंद्राकर की पत्रकारिता मात्र भ्रष्टाचार वाले समाचार पर केंद्रित नही रहा है lज्यादातर नक्सलियों के नाम पर फर्जी मुठभेड़ों व बीजापुर जिले के अन्दरूनी इलाको में स्कूल, स्वास्थ्य पहुच विहीन सड़क, पीने लायक पानी के बिना जीवन व्यतीत करते आदिवासियों के दिन दशा पर जीवंत समाचार ज्यादा होती थी l आदिवासियों पर किये जा रहे शोषण दमन व निर्दोष आदिवासियों की क्रॉस फायरिंग में मौत जैसे मुद्दे को बीहड़ से निकालकर पूरे देश से वाकिफ करवाने से छत्तीसगढ़ शासन से इतर बस्तर में पुलिसया शासन की समानांतर सरकार को चुभती थी, ठेकेदार के द्वारा हत्या एक दिखावा मात्र है।
बहरहाल ठेकेदार द्वारा हत्या को अंजाम देना, उनके द्वारा किए गये भ्रष्टाचार को उजागर करने के कारण ही है, इस भ्रष्ट व्यवस्था में निर्माणाधीन इस सड़क में भ्रष्ट रूप से काली कमाई करने वाले ठेकेदार, अधिकारी व नेताओ के ऊपर हत्या की धारा कायम होना चाहिए।
जन मुक्ति मोर्चा छत्तीसगढ़ मांग करती है कि बस्तर में चलाये जा रहे पुलिसिया समांतर सरकार में सड़क धोटाले के संलिप्त ठेकेदार, अफसरसाह व पुलिस अधिकारी व राजनेताओं को पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के आरोपी मानते हुए जन सुरक्षा कानून के तहत कार्यवाही करते हुए फाँसी की सजा दिया जाय l