छत्तीसगढ़डौंडीदल्लीराजहराबालोदविविध

प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय आत्मज्ञान भवन बालोद में आयोजित हुआ “खुशियों की चाबी” बताए गए ” टेंशन मुक्त और खुश रहने के तरीके” l

दल्ली राजहरा शनिवार 26 जुलाई 2025 भोज राम साहू 9893 765541

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय आत्मज्ञान भवन आमापारा बालोद के तत्वाधान में आयोजित “खुशियों की चाबी” नामक कार्यक्रम में लोगों ने टेंशन से होने वाली बीमारियों एवं खुश रहने से होने वाले लाभों के विषय में जाना। इस अवसर पर बी के डॉ शक्ति राज भाई ने खुश रहने के अनेक टिप्स दिए । 
कार्यक्रम की शुरुआत परमपिता शिव परमात्मा की शांतिपूर्ण याद से हुआ। ब्रह्माकुमारीज बालोद की मुख्य संचालिका बी के विजयलक्ष्मी दीदी ने मंचस्थ सभी अतिथियों का शब्द पुष्पों से स्वागत किया तथा सभी अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। 
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता बी के डॉ शक्ति राज भाई ने अपने उद्बोधन में खुश रहने के अनेक टिप्स बताते हुए कहा कि आज हमारे जीवन में सोफा सेट, टीवी सेट, ज्वेलरी सेट जैसे अनेक सेट उपलब्ध हैं किंतु हमारा मन अपसेट है जबकि घर में बाकी सेट चाहे हो ना हो माइंडसेट होना बहुत जरूरी है। माइंड अपसेट होने का सबसे मुख्य कारण है कि ईश्वर ने हमें जो कुछ दिया है उसे ना देख कर जो हमारे जीवन में कमी है उसे पर पूरा ध्यान देते रहते हैं इसीलिए यदि मन को अपसेट होने से बचाना है तो जो जीवन में प्राप्त चीज हैं उनको पर्याप्त मानकर ईश्वर का धन्यवाद करना होगा। 
नकारात्मक विचारों से हमारे जीवन में पड़ने वाले बुरे प्रभावो के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि हम भले ही मन में किसी के बारे में बुरा या नेगेटिव सोचते हैं किंतु मन के विचार भी लोगों तक पहुंचाते हैं जिससे दूसरे भी हमारे बारे में नेगेटिव सोचने लगते हैं। बहुत दिनों तक किसी व्यक्ति की नेगेटिव बातों को मन में रखने से हमारे शरीर पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है जिससे ट्यूमर ,हार्ट ब्लॉकेज, कैंसर जैसी प्राण घातक बीमारियां होने लगते हैं। ठीक इसी के विपरीत जब हम अपने मन में सभी के लिए अच्छे विचार रखते हैं तो दूसरे भी अपने आप हमारा अच्छा सोचने लगते हैं क्योंकि मन के विचार दूसरों के मन तक पहुंचते अवश्य हैं ।इसलिए यदि अपने संबंधों को मधुर बनाना चाहते हैं तो हम बिना किसी शर्त के अपने संबंधियों के लिए अच्छा सोचना शुरू कर दें।

कई बार हम अपने जीवन का रिमोट कंट्रोल दूसरों को देकर चलते हैं जिससे यदि वह हमारी तारीफ करते हैं तो हम खुश हो जाते हैं और यदि वह हमारी ग्लानि करते हैं तो हम दुखी हो जाते हैं। जबकि हमें सदैव याद रखना चाहिए कि हम ईश्वर की सर्वोत्तम विशिष्ट रचना है जो हमारे पास है दुनिया के कई लोगों के पास नहीं है। इसलिए खुश रहने के लिए अपने जीवन का रिमोट कंट्रोल दूसरों को देने से बचें।

हैप्पीनेस को हाय और टेंशन को बाय-बाय” का नारा देते हुए उन्होंने कहा कि अपने को खुश रखने की जिम्मेदारी हमारी स्वयं की है। इसके लिए स्वयं को परमात्मा की संतान समझ कर राजयोग मेडिटेशन के द्वारा परमात्मा की दिव्य शक्तियों से अपने मन को हीलिंग करने की विधि बताई। साथ ही वीडियो के माध्यम से दिखाया कि शरीर की बेजान कोशिकाओं को हम किस प्रकार राजयोग मेडिटेशन के माध्यम से पुनः जीवित कर सकते हैं । साथ ही साथ अपने जीवन में सदैव खुश रहने के लिए राजयोग की विधि को सबसे सरल एवं कारगर उपाय बताया है।

बीके विजयलक्ष्मी दीदी ने बताया कि दिनांक 23 जुलाई से पांच दिवसीय राजयोग शिविर का आयोजन आत्मज्ञान भवन आमापारा बालोद में रखा गया है जिसमें प्रातः 7:30 बजे से 8:30 बजे तक या संध्या 7:30 बजे से 8:30 तक दोनों में से कोई एक समय का चयन करके कोई भी वर्ग का व्यक्ति इस निशुल्क राजयोग मेडिटेशन का लाभ ले सकते है l
अंत में मंचस्थ अतिथियों डॉक्टर प्रदीप जैन, डॉक्टर ए व्ही महेश्वर ,श्री मुकेश जैन (सी ए),श्री हरिश्चंद्र सांखला (अध्यक्ष चेंबर ऑफ कॉमर्स बालोद) ने भी अपने अनुभव साझा किए।

संस्था की नियमित विद्यार्थी बहनों द्वारा स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया गया एवं मंच संचालन बी के मनीष भाई ने किया।

सहयोग टीकम पिपरिया  जी वरिष्ठ पत्रकार एवं अध्यक्ष सिटी प्रेस क्लब जिला बालोद

Bhojram Sahu

प्रधान संपादक "हमारा दल्ली राजहरा: एक निष्पक्ष समाचार चैनल"

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!