छत्तीसगढ़डौंडीदल्लीराजहराबालोदविविध
“संडे मेगा स्टोरी में आज रविवार 2 अगस्त 2025 को पढ़िए समाज सेवी नाड़ी वैद के नाम से विख्यात गुरुदेव बीरेन्द्र देशमुख की कहानी l”

दल्ली राजहरा रविवार 3 अगस्त 2025
भोज राम साहू 9893 765541
विशेष आलेख “संडे मेगा स्टोरी”
संडे मेगा स्टोरी में आज आपको बता रहे हैं एक ऐसे व्यक्ति की कहानी जिनका उद्देश्य मानव सेवा ही प्रभु सेवा है l वह अपने कमाई का पूरा राशि जन सेवा में लगाते हैं आपको बता रहे हैं गुरुदेव बीरेन्द्र देशमुख की कहानी l
गुरुदेव बीरेन्द्र देशमुख का जन्म 1987 में ग्राम आलाबरस दुर्ग जिला में हुआ था l वह बताते हैं कि मेरे नाना नानी के 14 संतान हुए जिसमें से 13 जन्म लेते ही स्वर्ग सिधार गए अंतिम 14 नंबर पर मेरी मां का जन्म हुआ l उस समय मेरे नाना नानी उम्र दराज हो चुके थे l पिताजी वही बस गए और मेरा जन्म भी वही हुआ l मेरे नाना रामाधर देशमुख आसपास के प्रसिद्ध व्यक्ति थे वे भजन और सेवा गीत गाते थे उन्हें गांव वाले सेउक के रूप में जानते थे तथा वह नाड़ी वैद के बहुत बड़े ज्ञाता थे l मैं उन्हीं के साथ सोता था और उन्हीं के साथ रहकर नाड़ी वैद के बारे में शिक्षा लिया l जब मैं सातवीं कक्षा में था तब नाना जी की स्वर्गवास हो जाने के कारण मैंने पढ़ाई छोड़ दी और अपना ध्यान साधना में लगाया l मैं नाड़ी वैद का काम लगभग 13- 14 साल की उम्र से कर रहा हूं l वर्तमान में मैं सुरेगांव भेडी में रहता हूं l
गुरुजी के नाम से प्रख्यात बीरेन्द्र देशमुख एक ऐसे समाज सेवक हैं जो कभी किसी को खाली हाथ नहीं जाने दिया l नाड़ी वैद से उन्हें जो भी आमदनी हुए सभी रुपये परमार्थ के काम में लगा दिए l आज उनके सहयोग से मोक्ष धाम फाउंडेशन का गठन हुआ है l जिसके माध्यम से ग्राम लिमोर में 64 योगिनी माता मंदिर का निर्माण हो रहा है l यह मंदिर पूरे विश्व में अनूठा मंदिर होगा l जहां कोई भी दान पेटी नहीं होगा l गुरुदेव कहते हैं कि पैसे की जरूरत हम मानवों को है भगवान को पैसे की आवश्यकता नहीं है l भगवान भाव का भूखा है l भगवान को आस्था समर्पण और प्रेम की आवश्यकता है l प्रभु को जात-पात से कोई मतलब नहीं है l उन्हें तो सिर्फ भक्ति चाहिए l दान पेटी तो अस्पतालों में होना चाहिए जरूरतमंद को इलाज के लिए l इतने बड़े-बड़े मंदिर बने हैं जहां करोड़ों की आवक प्रतिदिन होती है l आप सोचिए वहां मिलने वाली दान का पैसा कहां जाता है यह किसी को पता नहीं चलता l
अध्यात्म के नाम पर बाहर इतना आडंबर हो गया है कि आप अपने परिवार के साथ किसी धार्मिक स्थल में चले जाइए पल-पल में इतना आडंबर और लूट मची है कि जो मन में उत्साह और उमंग जाने के समय रहता है वह वापसी में खत्म हो जाता है l ऐसा लगता है कि इससे अच्छा तो यही था कि हम यहीं घर मे रहकर पूजा पाठ कर लेते l मैं किसी साधु संत के खिलाफ नहीं हूं मैं सिर्फ आडंबर के खिलाफ हूं l अध्यात्म के नाम पर आडंबर नहीं होना चाहिए l
“एक लोटा जल सभी समस्याओं का हल नहीं होता l ” पेट की आग बुझाने के लिए मेहनत मजदूरी करनी पड़ती है l पेट को अन्न की जरूरत पड़ती है l मैं एक लोटा जल भगवान में अर्पित कर रहा हूं और पाप दुराचारी कर रहा हूं l हमेशा किसी को कोस रहा हूं मन में ईर्षा द्वेष रख रहा हूं l तो परमात्मा मेरे ऊपर निवास नहीं करेगा l परमात्मा तो शून्य का भूखा है परमात्मा को पाने के लिए अपने अंदर इन सबको खत्म करके शून्य विराजमान करना होगा l
गुरु जी से जब पूछा गया कि अब तक आपने कितने लोगों की सहयोग किया है उसकी राशि कहां से आती है तब उन्होंने बताया कि जो नाड़ी वैद के फीस के रूप में जो राशि की प्राप्ति होती है l उसे सेवा कार्य में लगाता हूं l लेकिन वर्तमान स्थिति में मैंनें देखा कि चुपचाप सेवा करने से लोगों में जागृति नहीं आएगी l मैं सेवा के माध्यम से लोगों को धर्म परिवर्तन रोकना चाहता हूं l कई धर्म के लोग सेवा के नाम पर धर्म परिवर्तन की जो लहर बना रखी है उसे मैं खत्म करना चाहता हूं l और सेवा कार्य को मीडिया के माध्यम से लोगों तक ला रहा हूं l मैंने कई जरूरतमंद लोगों को मदद किया l शादी के समय बीमारी में और ऐसे कई वक्त आया जब मैं लोगों के बुरे वक्त में सहयोग किया l
उन्होंने बताया कि नवागांव खुर्द के सरकारी स्कूल में 12वीं पढ़ने वाले बच्चों ने वृक्षारोपण का कार्यक्रम रखा जहां मुझे मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया l मैं उन बच्चों के भाव को देखकर मना नहीं कर सका क्योंकि बच्चे देश के भविष्य हैं और 10 लाख रुपए की लागत से मैंने छत्रपति शिवाजी सभागार के नाम से स्कूल बनवाया हूं l
माहूद बी का एक मामला है जहां स्कूल में मिडिल स्कूल और कॉलेज में पढ़ने वाले बच्चों का संयुक्त रूप से एक ही जगह मंच में कार्यक्रम होता है l बरसात में कार्यक्रम करने में तकलीफ होता था बच्चे मेरे पास आए उन्होंने मुझे टीना सेट के लिए कहा और 160000 रुपए की लागत से वहां सेट का निर्माण कराया हूं l
देशमुख जी स्वच्छता के प्रति भी लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे हैं l उन्होंने बस्तर क्षेत्र में जाकर ग्रामीणों को जागृत करने के लिए स्वच्छता अभियान भी चलाया जा रहा है l जिसके तहत कांकेर जिला के गोलकुमड़ा में गुरुदेव वीरेंद्र देशमुख के नेतृत्व में मोक्ष धाम फाउंडेशन के द्वारा पुराने व स्वच्छ शौचालय के लिए ग्रामीणों को पुरस्कृत किया गया जिसमें चंद्रशेखर साहू को ₹11000 अजीत को ₹5000 श्याम बैजुरी को ₹3000 तिलक को ₹2000 दिया गया l
निकुम स्कूल के बच्चों को पढ़ने वाले बोर्ड खराब हो गया था उसको बदलने के लिए उन्होंने मुझसे संपर्क किया कहां की पढ़ाई में समस्या हो रही है मैं तत्काल उन्हें तीन बोर्ड बनवा कर दिए l
मैं उन स्कूली बच्चों से कहा कि मेरा मदद तभी सार्थक होगा जब आप लोग पढ़ लिख कर बड़े आदमी बन जाओ देश के लिए और देश के जरूरतमंद व्यक्तियों का साथ नहीं छोड़ोगे l उनका सहयोग करोगे मैं पढ़ा लिखा नहीं हूं मैं धर्म ग्रंथ पुराण बहुत ज्यादा नहीं पढ़ता हूं मैं सबके लिए साफ दिल रखता हूं यही मेरी पूजा है उन्होंने कहा कि वर्तमान में कथावाचक अध्यात्म के नाम पर आडंबर कर रहे हैं पहले मठ मंदिरों से संसार चला था लेकिन अब मठ मंदिर में स्वार्थ उत्पन्न हो गया है मेरा अपने कार्य को मीडिया के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने का मकसद लोगों को जानकारी देना था जो साधु संत समर्थ मन है वह एक दूसरे का सहयोग करें अगर थोड़ा-थोड़ा अपने हिंदू समाज के लिए सहयोग करें तो जो धर्म परिवर्तन हो रहा है वह नहीं होगा आज अन्य धर्म के लोग हमारे गरीब और बीमारी से मजबूर का फायदा उठाकर हमारा धर्म परिवर्तन करवा रहे हैं l अगर हम लोग इन्हीं योग्य लोगों की मदद करें तो हो रही धर्म परिवर्तन रुक जाएगी l हमारे अध्यात्म पुरान धरोहर है यह बांटने से बढ़ता है यह बेचने का नहीं है l लेकिन कथावाचक जी लक्ष्मी लालसा में को भ्रमित कर रहे हैं l मैं उसका विरोध करता हूं हम लोग चंदा मांग कर मां दुर्गा और भगवान गणेश की स्थापना करते हैं l अंत में विसर्जन के समय शराब पीकर डीजे के धुन पर नाचते हैं सनातन और हिंदुत्व को तो हम ही लोग खराब कर रहे हैं l आने वाला समाज और पीढ़ी हमको क्या कहेगी हम उन्हें क्या शिक्षा दे रहे हैं यह हमें सोचना होगा l मेरे काम से कई साधु संत नाराज हैं मेरे काम करने के तरीके से भी मुझे जो भी आमदनी होता है उसे मैं परमार्थ के काम में लगाता हूं l
गुरुदेव से पूछा गया कि आप सहयोग के लिए इतनी राशि कहां से व्यवस्था करते हैं तब उन्होंने कहा कि वे इलाज के दौरान मानव सेवा के नाम पर लोगों से जो दवाई देते हैं, उसमें नाड़ी छूकर जांचने के लिए 10 रुपए जोड़ता हू और इस राशि को थोड़ा-थोड़ा प्रत्येक मरीज से बचाकर मानव सेवा हेतु इकट्ठा करते हैं। वहीं कई मरीज ठीक होने के बाद स्वेच्छा से अपनी ओर से राशि दान देते हैं l
गुरुर ब्लॉक के ग्राम पोड़ में स्वच्छ शौचालय और हेलमेट जागरूक अभियान कार्यक्रम के दौरान आर्थिक मदद के चरवाही की बेटी गरिमा साहू जो कि वर्तमान में दल्ली राजहरा में अपने बड़े पिताजी के घर रह रही है ने बताया गया कि उनके पिता हेमंत साहू की एक सड़क हादसे में 24 फरवरी 2025 को मृत्यु हो गई थी तथा एक माह पहले 24 जनवरी 2025 को उनकी मां उमेश्वरी का भी अस्पताल में बीमारी के चलते मृत्यु हो गई l पिता ने उनके इलाज में काफी रकम खर्च कर दिए थे और सड़क हादसे में पिता का मृत्यु हो जाने से गरिमा साहू पूरी तरह से टूट चुकी थी l उनके इलाज के लिए उनके बड़े पिता जी ने भी कर्ज लिए थे l अंत में उन्होंने सहयोग के लिए गुरुदेव से मदद मांगी गुरुदेव ने 51000 की राशि देकर गरिमा की मदद की l जिससे यह बेटी आगे बढ़कर अपने भविष्य बना सके l
बालोद जिले के ग्राम जगन्नाथपुर में रहने वाले युवा पत्रकार दीपक यादव जो की सर्वाइकल स्पाइन से संबंधित समस्या से जूझ रहे थे उनके सहयोग के लिए सिटी प्रेस क्लब के अध्यक्ष टीकम पिपरिया जी के निवेदन पर ₹21000 की राशि इलाज के लिए दिया l
दुर्ग जिले के (पुरदा)नवागांव में स्कूल में कमरा बनाने के लिए 8 लाख दिए हैं। निकुम में शोक ग्रस्त यादव परिवार की माता और बेटी को 25,000 की मदद किए, लोहारा ब्लॉक के भंडेरा गांव में मायाराम पटेल का घर आग में पूरी तरह जल जाने पर उन्हें 1 लाख रुपए, धमतरी में एक परिवार को 51,000 की मदद कर चुके हैं