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संडे मेगा स्टोरी में आज 31 अगस्त 2025 को महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत आने वाले “आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाओं ” की कहानी l

दल्ली राजहरा रविवार 31 अगस्त 2025

भोजराम साहू 9893 7655 41

“संडे मेगा स्टोरी ” में आज 31 अगस्त 2025 को पढ़िए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और साहिकाओं की कहानी जो सरकार के द्वारा आयोजित पूरे कार्य में अपना भागीदारी तो निभाती है लेकिन सरकार इन्हें सरकारी कर्मचारी नहीं मानतीं l 

➡️🔥🌺 परिचय 🌺🔥⬅️

आज आपको संडे मेघा स्टोरी के अंतर्गत केंद्र एवं राज्य सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के अंतर्गत आने वाले आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के समस्याओं को लेकर एक कहानी बता रहे हैं l ये आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका उन लोग हैं जिसे सरकार के द्वारा छोटे बच्चे जो लगभग 3 साल से अधिक के होते हैं उन्हें स्कूली शिक्षा बोलने की तरीका खेलकूद बोलचाल के तरीके सिखाए जाते हैं या फिर यह कहिए घर से निकालने के बाद नन्हे मुन्ने बच्चे के पहला कदम  आंगनवाड़ी केंद्र में ही पड़ता है l साथ ही सरकार के द्वारा लागू विभिन्न योजनाओं का इनके द्वारा क्रियान्वत किया जाता है l केद्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा जारी विभिन्न योजनाओं को जन जन तक पहुंचने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं अपनी स्थिति पर दुर्दशा के आंसू बहा रही है l एक तरफ सरकार कई तरह की योजनाओं को साकार करने के लिए उनके ऊपर थोप देती है l दूसरी तरफ उनके वेतन और सुख सुविधाओं की तरफ थोड़ा भी ध्यान नहीं देती है l सरकार के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सौतेले सन्तान की तरह हो गया है पिता का नाम तो दे दिया लेकिन फर्ज निभाने (सुविधा देने ) के नाम पर सौतेला व्यवहार किया जाता है l

➡️🔥🌺 पारिश्रमिक एवं कार्य🌺🔥⬅️

 सरकार की ओर से मात्र 5000 और 10000 की राशि उन्हें एकमुश्त वेतन के रूप मे उन्हें दिया जाता है l अन्य योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए उन्हें कुछ भी राशि नहीं दिया जाती l चाहे सरकार के द्वारा एक साथ पचासों योजना लाकर इन आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के ऊपर ठोप दी जाती है l वर्तमान समय में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिकाएं सरकार के 16 योजनाओं पर निरंतर काम कर रही है l जैसे गरीब , निम्न एवं मध्यम वर्ग तक अपनी पहुंच रखते हैं। तथा गर्भधारण से लेकर प्रसूति, गर्भवती महिला का टीकाकरण, जांच एवं डिलीवरी, उसका आहार एवं पूरक पोषण, बच्चों का वजन एवं टीकाकरण, सभी बच्चे जीरो से लेकर 6 वर्ष तक कि उनका पूरा पोषण आहार, अनौपचारिक शिक्षा, शिक्षा, आहार, कुपोषण से बचाव, सुपोषण, गोद भराई, अन्नप्राशन, बाल सुपोषण योजना, बाल मित्र बनाना, स्व सहायता समूह बनाना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह, शाला प्रवेश उत्सव, सुपोषण चौपाल, बाल संदर्भ, नोनी सुरक्षा योजना, सुकन्या समृद्धि योजना, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन, महतारी वंदन, और पालक बैठक इसके अलावा अन्य विभागों के कार्य में राशन कार्ड बनाना राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा एवं मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा (स्मार्ट कार्ड) बनवाना अपने एरिया में क्लोरीन फाइलेरिया की गोली बांटना पल्स पोलियो निर्वाचन आयोग में बी.एल.ओ. जनगणना आर्थिक सर्वेक्षण स्वच्छ भारत के तहत शौचालयों का सर्वे पशु सर्वे एवं नगर सूराज ग्राम स्वराज किशोरी बालिका की देखरेख 11 से 18 वर्ष को विटामिन गोली वितरण , विधवा परित्यक्ता सर्व करना, मातृ मृत्यु दर को रोकना, आयुष्मत्ति योजना इसी प्रकार अपने केंद्र के अंदर आने वाली हितग्राहियों का देखरेख संरक्षण इन समस्त कार्यों करना व माह में सुपरवाइजर के माध्यम से परियोजना अधिकारी द्वारा राज्य को रिपोर्ट भेजने वर्तमान में राज्य की महतारी वंदन योजना जिसे कार्यकर्ताओं के द्वारा जन-जन घर-घर तक पहुंचाकर रात दिन एक करके 70 लाख हितग्राहियों को इनके सहयोग से द्वारा लाभ दिलाया जा रहा है l 
➡️🔥🌺छत्तीसगढ़ के आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका का देश के अन्य राज्य के कार्यकर्ताओं से तुलना🌺🔥⬅️
छत्तीसगढ़ राज्य शासन के रूप में कार्यकर्ता को 10000 एवं सहायिका को मात्र ₹5000 प्रति माह के रूप में वेतन दिया जाता है l इसके विपरीत पांडिचेरी में आंगनबाड़ी सहायिका एवं कार्यकर्ताओं को शासकीय कर्मचारी घोषित कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को तृतीय श्रेणी एवं सहायिका को चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी का वेतन दिया जा रहा है l तो वही गुजरात हाई कोर्ट ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका के लिए नए वेतनमान लागू किया गया है जिसमें आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की 24,800 एवं सहायिका की वेतन 20,300 ते की गई है l काम का समय अवधि देखें तो 6 घंटा से लेकर 8 घंटे तक प्रतिदिन इनका कार्य करना होता है और यदि शासन के द्वारा घोषित कोई योजना लोगों तक पहुंचाना हो तो इनकी कार्य करने की समय सीमा नहीं रहती क्योंकि एक तय समय के अंदर इनको रिपोर्ट महिला एवं बाल विकास विभाग को भेजनी पड़ती है l यदि समय पर रिपोर्ट नहीं भेजी गई तो विभाग के द्वारा इन्हें प्रताड़ित करने का काम अलग से किया जाता है l पूरे राज्य में इनकी स्थिति सबसे ज्यादा दयनीय बन चुकी है। ये लोग शासन का काम तो करते हैं लेकिन शासकीय कर्मचारी नहीं है सिर्फ सहायिका और कार्यकर्ता है l
➡️🔥🌺सेवानिवृत्ति होने पर सम्मान के बजाय सरकार इन्हें अंगूठा दिखाती है l🌺🔥⬅️
दुखद बात यहां पर होता है कि 60 साल पूर्ण हो जाने के बाद जब इन्हें सेवानिवृत्ति जैसे प्रक्रिया से गुजरना होना पड़ता है तब इनको शासन की ओर से ₹1 की राशि भी इन्हें नहीं दी जाती l जो कार्यकर्ता पूरे उम्रभर छोटे बच्चों की देखभाल से लेकर सरकार के विभिन्न योजनाओं को लोगों तक पहुंचने में सहायक होते हैं l उनकी यह दुर्दशा बहुत ही दयनीय है l सेवानिवृत्ति होने पर सरकार के द्वारा इनका सम्मान नहीं किया जाता जबकि इतने सालों तक छोटे बच्चों को संभालने वाली और सरकार के विभिन्न योजनाओं को जनता तक पहुंचने वाली इन कार्यकर्ताओं को सरकार सिर्फ अंगूठा दिखाती है l
सरकार अपने अन्य अधीनस्थ कर्मचारीयो को कई योजनाओं का लाभ देने के लिए कई वेतनमान की घोषणा करती है l हर वर्ष में उन्हें कुछ न कुछ लाभ दिया जाता है जबकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाओं की ओर पीठ करके बैठी हुई है अब देखना यह है कि ऊंट कब करवट बदलता है सरकार की आंखें कब खुलता है और इन्हें सम्मानजनक राशि का लाभ मिल सकता है l क्या इन कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का इतना हक भी नहीं बनता कि सरकार कम से कम कलेक्टर द्वारा निर्धारित वेतनमान इन्हें दे सके…? 

 सेवानिवृत हो जाने पर इन्हें सहायता स्वरूप कुछ राशि दे ताकि इनके वृद्धापन का सहारा बन सके l

सरकार के अंतर्गत कार्य करने वाले हर विभाग में पेंशन का प्रावधान है ….क्या सरकार इनके विषय में विचार कर सकती है ..?

वेतन और अन्य कर्मचारियों  की तरह सुविधा जैसे कई मांगों को लेकर इनके द्वारा समय-समय पर हड़ताल धरना प्रदर्शन किया जाता है l लेकिन आज भी ये कार्यकर्ता उन चातक पक्षी की तरह आसमान की ओर टकटकी लगाए देख रहे हैं की कभी तो स्वाति नक्षत्र का पानी उनके मुँह में टपकेगा जिससे इनका जीवन सफल हो जाएगा l

“संडे मेगा स्टोरी” आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की समस्याओं को आम जनता और सरकार के सामने लाने का एक मेरा छोटा सा प्रयास है l

 

     धन्यवाद ..!

भोजराम साहू

संपादक

“हमारा दल्ली राजहरा- एक निष्पक्ष समाचार चैनल”

Bhojram Sahu

प्रधान संपादक "हमारा दल्ली राजहरा: एक निष्पक्ष समाचार चैनल"

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