
दल्लीराजहरा के वार्ड क्रमांक 22, माइंस ऑफिस रोड पर स्थित लिटिल बर्ड्स स्कूल के सामने लगभग छह माह पूर्व निर्मित पुलिया की खराब स्थिति ने स्थानीय निवासियों को चिंतित कर दिया है। पुलिया के निर्माण में घटिया सामग्री और निर्माण मानकों की अनदेखी के गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। स्थानीय निवासी श्री राकेश कुमार देवांगन ने इस मुद्दे को उठाते हुए अनुभागीय दंडाधिकारी, डौंडी-लोहरा को ज्ञापन सौंपा है और दोषी ठेकेदार व अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
शिकायतकर्ता ने बताया कि पुलिया का निर्माण केवल छह महीने पहले किया गया था, लेकिन यह पहले से ही क्षतिग्रस्त होने लगी है। पुलिया की सतह पर लगाई गई कंक्रीट पूरी तरह से उखड़ चुकी है, जिससे इसकी गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। पुलिया निर्माण में नियमों और मानकों का पालन नहीं किया गया। निर्माण कार्य में गुणवत्ता की पूरी तरह अनदेखी की गई है। पुलिया के ऊपर बनाए गए ब्रेकर की डिजाइन इतनी खराब है कि दोपहिया और चारपहिया वाहन भी 20 किमी/घंटा की गति पर 1-2 फीट तक उछलते हैं। इससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है।
स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह पुलिया न केवल असुविधाजनक बल्कि जानलेवा भी लग रही है। यह एक प्रमुख सड़क पर स्थित है, जहां से प्रतिदिन बड़ी संख्या में वाहन गुजरते हैं।
श्री राकेश कुमार देवांगन और अन्य स्थानीय नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि पुलिया निर्माण की गुणवत्ता की तुरंत जांच करवाई जाए। इस कार्य के लिए जिम्मेदार ठेकेदार और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। क्षतिग्रस्त पुलिया का पुनर्निर्माण उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री और मानकों के तहत कराया जाए। ब्रेकर की डिजाइन को सुधारा जाए ताकि यातायात बाधित न हो और दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
यह मामला प्रशासनिक उदासीनता और ठेकेदारों की लापरवाही का प्रतीक बन गया है। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस पुलिया के निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ है, जिसके कारण आमजन की सुरक्षा खतरे में पड़ गई है। इस मामले को लेकर वार्ड क्रमांक 22 के नागरिकों में गहरा आक्रोश है। नागरिकों का कहना है कि अगर इस मामले में प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई नहीं की, तो वे व्यापक जनआंदोलन करने को मजबूर होंगे।
निवासियों ने प्रशासन से अपील की है कि वे इस मामले को गंभीरता से लेते हुए शीघ्र जांच शुरू करें और दोषियों पर कार्रवाई करें। पुलिया जैसी बुनियादी सुविधाओं में गुणवत्ता और सुरक्षा को नजरअंदाज करना न केवल प्रशासन की विफलता को दर्शाता है, बल्कि आम जनता के जीवन के साथ खिलवाड़ भी है।