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“संडे मेघा स्टोरी” में आज रविवार 29 जून 2025 को पढ़िए ” लौह नगर दल्ली राजहरा की कम होती जनसंख्या और बेरोजगारी के समस्या के बारे में विशेष लोगों की विशेष आलेख….!

दल्ली राजहरा रविवार 29 जून 2025

भोज राम साहू 9893765541

 

हमारा दल्ली राजहरा” के रविवार के विशेष आलेख संडे मेघा स्टोरी के लिए दल्ली राजहरा के नागरिकों से गिरती हुई दल्ली राजहरा की जनसंख्या और रोजगार की समस्या के लिए एक विशेष रचना का आमंत्रण किया गया था l उसमें लिखा था कि
लौह नगरी दल्ली राजहरा में पूर्व 1990 के दशक और आज 2025 इन 35 साल में बहुत से बदलाव आए हैं l जहां 90 के दशक में चल रहे BSP के स्कूलों में एसपी स्कूल क्रमांक 1 ,2, 3 ,6 ,22 ,26 ,28, 30, 33 और सीनियर सेकेंडरी स्कूल बंद हो चुके हैं l सीनियर सेकेंडरी स्कूल और बीएसपी स्कूल क्रमांक 1 के जगह पर DAV इंग्लिश मीडियम स्कूल संचालित हो रहा है l वहीं निजी स्कूल के तौर पर गांधी विद्या मंदिर श्री गुरु नानक हाई स्कूल क्रमांक 1 और 2 जो की 30 नंबर स्कूल में संचालित हो रहा है l नेहरू स्कूल के साथ आत्मानंद स्कूल ,श्री सरस्वती शिशु मंदिर संचालित है इतने स्कूलो का बंद हो जाने से ही पता चल जाता है की जनसंख्या की स्थिति वर्तमान में दल्ली राजहरा में क्या हो सकता है l एक अनुमान के अनुसार आज जनसंख्या में 65% की कमी आ चुकी है l
 जीवन जीने के लिए एकमात्र बीएसपी का ही सहारा है l वहां भी नियमित कर्मचारियों की भर्ती बंद है l जो चल रहा है वह ठेका श्रमिक के भरोसे l लेकिन कई सालों से यह बात आ रही है कि यहां आयरन ओर का स्टॉक खत्म होने को है l सच्चाई तो बस यही है कि केंद्र और राज्य में सरकार चला रहे भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों की सरकार ने दल्ली राजहरा के ऊपर कभी ध्यान नहीं दिया l उनका ध्यान तो सिर्फ बीएसपी से मिलने वाली राजस्व पर ही था l यहां से मिलने वाले राजस्व की राशि को जिले प्रदेश और केंद्र में उपयोग कर सके l उन के द्वारा राजहरा के भविष्य के बारे में कभी ऐसा कोई काम नहीं किया गया जिससे यहां के निवासियों को निरंतर रोजगार मिल सके l
कल्पना कीजिए यदि दल्ली राजहरा से बीएसपी अपना कारोबार समेट कर आयरन ओर खनन बंद कर दें और अन्य स्थान पर चला जाए तब दल्ली राजहरा के निवासियों के जीवन जीने के लिए रोजगार की साधन क्या रहेगी ? क्योंकि यहां सहकारी कर्मचारी की संख्या बहुत ही कम है l बीएसपी आयरन ओवर खनन के बदले सरकार को लगभग 1000 करोड़ की राशि राजस्व के तौर पर प्रति वर्ष देती है l इसका उपयोग दल्ली राजहरा के लिए नहीं हो रहा है l यह तो सच है सन 1955 से दल्ली राजहरा में लौह अयस्क खनन चालू हुआ था और आज 70 सालों में स्थिति बहुत सोचनीय हो गया है l बीएसपी के बने क्वार्टरों खाली हो रहा है और आगामी 5 सालों में और भी दर्दनाक स्थिति दल्ली राजहरा के होने वाली है l इसके लिए अभी से हमें प्रयास करना चाहिए ताकि लोगों को रोजगार मिले और विश्व मानचित्र पर दल्ली राजहरा का नाम पूर्व की भांति चलता रहे इस संबंध में आपका क्या है विचार !
श्री गोविंद वाधवानी (अध्यक्ष राजहरा व्यापारी संघ )के द्वारा राजहरा बचाओ आंदोलन के रूप में पिछले वर्ष जो आंदोलन छेड़ा था l उससे कुछ सकारात्मक पहल शायद भविष्य में देखने को मिले l लेकिन रोजगार के मामले में पूरे राजहरा नगर को जागने की आवश्यकता है क्या दल्ली राजहरा में सरकार की ओर से ऐसा कोई योजना नहीं है जिसे यहां के निवासियों को रोजगार मिल सके …..?
👉 1. दल्ली राजहरा भविष्य सुधारने के लिए राज्य और केंद्र सरकार और नगर पालिका में त्रिबल इंजन की सरकार है इनको क्या करना चाहिए ..?
 👉 2. इसके लिए जनप्रतिनिधि के द्वारा क्या प्रयास किया जाए l
👉 3 .क्या कोई ऐसा व्यक्ति को राजहरा के नेतृत्व करने के लिए सामने आना होगा जो राजहरा के अस्तित्व बचा सके l
👉 4. सरकार द्वारा राजहरा के खदानों से मिलने वाली राजस्व की राशि यदि दल्ली राजहरा के विकास पर खर्च किया जाए l राजहरा के खाली पड़ी जगह को एजुकेशन हब ,दैनिक उपयोगी सामान के लिए फैक्ट्रियां खोला जाए इस संबंध में आपका विचार क्या है l
👉 इसके अलावा अन्य कोई विचार जो आप अपना रखना चाहते हैं l इस संबंध में दल्ली राजहरा के विभिन्न लोगों के विचार आए जिसमें से कुछ चुनिंदा विचारों को आपके समक्ष लेकर आ रहे है l

🔥जनक लाल ठाकुर (पूर्व विधायक एवं मजदूर नेता)🔥

दल्ली राजहरा खनिज नगरी होने के कारण शुरुआत से ही औधोगिक क्षेत्र के रूप में एक अलग पहचान है। और सालाना लगभग 1000 करोड़ रूपये की राजस्व सरकार को प्राप्त होती है। लेकिन केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के द्वारा दल्ली राजहरा के भविष्य और विकास के लिए दोनों सरकारों ने मिलकर कोई कार्य नहीं किया और न ही कोई योजना बनाई है।
शहीद कामरेड शंकर गुहा नियोगी जी, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा, छत्तीसगढ़ माईन्स श्रमिक संघ के द्वारा राजहरा बस्ती को बचाने के लिए अनेकों लड़ाईयां लड़ी गई और लोगों के जीवन स्तर को उठाने के लिए संघर्ष के साथ ही साथ निर्माण का कार्य किया गया है। आज भी शहीद कामरेड शंकर गुहा नियोगी जी संघर्ष और निर्माण के रास्ते पर आम जनता, मजदूर, किसान, छात्र, नौजवान, अधिकारी, कर्मचारी, ठेकेदार, व्यापारी, जन संगठन, बुद्धिजीवी वर्ग को एक साथ मिलकर दल्लीराजहरा के पुनः उत्थान के लिए आगे चलने के लिए सोचें तो निश्चित ही 
 दल्ली राजहरा ‎‫और उसके आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों का विकास होगा एवं दल्ली राजहरा का भविष्य सुरक्षित होगा।

🔥दल्ली राजहरा में स्थानीय बेरोजगारों की समस्या :–अशोक बांबेश्वर (अध्यक्ष ब्लॉक कांग्रेस कमेटी दल्ली राजहरा)🔥

दल्ली राजहरा नगर बालोद जिले का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला नगर है यहां पर एकमात्र भिलाई स्टील प्लांट की खदानें संचालित है यहां से भिलाई की भट्टी के लिए आयरन ओर की सप्लाई की जाती है। यहां लगभग 1962 से लगातार कच्चे लोहे का खनन कार्य किया जा रहा है। पूर्व में यहां पर नियमित कर्मचारी को ही माइंस में कार्य हेतु लिया जाता रहा है। उसके पश्चात छोटे-छोटे कामों को ठेके में देने का कार्य किया गया। आज वर्तमान में दल्ली राजहरा माइंस क्षेत्र में कार्य करने के लिए अधिकांश ठेका कर्मीयो से ही कार्य लिया जा रहा है। नियमित कर्मचारियों की भर्ती लगभग बंद सी हो गई है। दल्ली राजहरा के स्थानीय बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। दल्ली राजहरा खदानों के आसपास ग्रामीण अंचल में निवास करने वाले लोगों को लाल पानी प्रभावित क्षेत्र मानकर वहां के बेरोजगारों को माइंसों में कार्य में लिया जा रहा है। विगत कई वर्षों से ग्रामीण अंचलों के लोग लाल पानी की समस्याओं से जूझ रहे हैं । आज पर्यंत तक बीएसपी प्रबंधन लाल पानी से प्रभावित क्षेत्र की समस्या के संबंध में कितना कारगर उपाय किए हैं यह समझ से परे है क्योंकि प्रतिवर्ष माइंस में नौकरी लगने के नाम से ग्रामीण क्षेत्र से शासन प्रशासन की ओर से बीएसपी प्रबंधन पर दबाव डाला जाता है की लाल पानी प्रभावित क्षेत्र के बेरोजगारो को ही माइंस में कार्य के लिए भर्ती किया जाए। बीएसपी प्रबंधन लाल पानी से प्रभावित क्षेत्रों में करोड़ों रुपया खर्च कर रही है लेकिन इतने वर्ष होने के बाद भी लाल पानी की समस्या जस की तस है । ग्रामीण क्षेत्र के कारण दल्ली राजहरा के स्थानीय बेरोजगारो का भविष्य अंधकारमय होते जा रहा है। जबकि पहला हक दल्ली राजहरा के स्थानीय बेरोजगारों का है। बीएसपी प्रबंधन को चाहिए कि स्थानीय लोगों के लिए विशेष भर्ती अभियान चलाये। ज्ञात हो कि दल्ली राजहरा माइंस क्षेत्र में झारखंड और बिहार के बेरोजगारों को बाहरी ठेकेदारों द्वारा यहां लाकर नौकरी में लगाया जा रहा है जो कि स्थानीय बेरोजगारों के लिए बड़ी समस्या बनते जा रही है। और इसी कारण स्थानीय लोग नौकरी से वंचित होते जा रहे हैं। अतः शासन प्रशासन एवं बीएसपी प्रबंधन को इस गंभीर समस्या से अवगत कराना अनिवार्य हो गया है।

  🔥कामरेड विनोद मिश्रा (पूर्व बीएसपी कर्मचारी एवं यूनियन नेता)🔥

 आप कल्पना कीजिए हर क्षेत्र में भ्रष्टाचार का समाहित हो रहे हैं आप जानते हैं इसे नाकर नहीं सकते l जो विकास में बाधा बनता है l रही बात विकास की तो मेरी नजर में राजहरा को थोक मार्केट , राज्य सरकार की खनिज ऑफिस बॉस से संबंधित उद्योग रेलवे को दुर्गकोदल से महाराष्ट्र कांकेर से उड़ीसा जोड़ दें l नगर को पर्यटक में विकसित किया जाए l जिससे मेरी दृष्टिकोण से राजहरा का भविष्य उज्जवल होगा l एक मुख्य बातें जो योजना सरकार के विभाग ऑफिस से क्रियान्वित हो जाती है जैसे नगर पालिका के योजना नुकसान या फायदा का जो हमने राजहरा में नुकसान उठाया l हम साथ मिलकर मेहनत कर अच्छे योजना राजहरा के विकास में लाये जैसे नालियों के पानी बरसात के पानी स्टोर कर उपयोग में लाए जा सकते जा सके lजरूर राजहरा का विकास होगा चिंता और सोच ही विकास के जननी है l

 

🔥लैलन कुमार साहू ( पूर्व बीएसपी कर्मचारी राजनैतिक एवं सामाजिक पदाधिकारी )🔥

दल्ली राजहरा के खदान से लौह अयस्क उत्खनन से प्रति वर्ष करीब, 360 करोड़ की राशि सरकार को बीएसपी प्रबंधक देती है l जिसे DMS फंड कहते हैं l इसे पूरी तरह दल्ली राजहरा के विकास में नही लगायी जाती। इसके लिए हमारे जन प्रतिनिधि कांकेर लोक सभा के सांसद, डौंडी लोहरा के विधायक पूरे तरह जिम्मेदार है l दल्ली राजहरा के विकास नही होने का। जब बालोद जिला बना श्री जनक लाल ठाकुर ( पूर्व विधायक )ने दल्ली राजहरा को कोई विभाग जैसे कि फॉरेस्ट, शिक्षा, उद्योग कोई विभाग का कार्यालय देने की मांग पूर्व मुख्यमंत्री श्री रमन सिंह से की l लेकिन छत्तीसगढ़ की बीजेपी सरकार ने नही सुनी। अभी ट्रिपल इंजिन की सरकार है। आदिवासी मुख्य मंत्री, ब्राह्मण उप मुख्यमंत्री, ओबीसी उप मुख्यमंत्री सरकार मे है। दल्ली राजहरा आयरन ओर माइंस से लोह अयस्क भिलाई इस्पात सयंत्र को भेजी जाती है। सरकार को रॉयल्टी की राशि, 1960 से 2025 अब तक अरबो खरबो राशि दी गई l अभी उजड़ते हुए दल्ली राजहरा के नौजवान बेरोजगार हो रहे है दल्ली राजहरा का विकास के लिए उद्योग लगे और स्थानीय उद्योग में स्थानीय बेरोजगारों को काम मिले।

🔥श्रीजीत (शिक्षक ,लेखक एवं भाजपा युवा नेता )🔥

➡️ 1.ट्रिपल इंजन की सरकार क्या करे?
जब नगर पालिका, राज्य और केंद्र – तीनों जगह पर एक ही पार्टी या विचारधारा की सरकार है, तो राजहरा के पुनर्जीवन की जिम्मेदारी और भी बढ़ जाती है। सरकार को चाहिए कि बीएसपी से मिलने वाले वार्षिक करोड़ो के राजस्व में से कम से कम 25% हिस्सा यहां के विकास में लगाया जाए।
MSME (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग) के लिए स्पेशल ज़ोन बनाया जाए।आधुनिक स्किल डेवलपमेंट सेंटर और रोजगार प्रशिक्षण संस्थान खोले जाएं। बीएसपी की खाली पड़ी जमीन पर स्टार्टअप हब, टेक्नोलॉजी पार्क, एजुकेशन हब जैसी परियोजनाओं की नींव रखी जाए।
➡️ 2. जनप्रतिनिधियों का क्या कर्तव्य बनता है?
जनप्रतिनिधियों को पार्षद से लेकर सांसद तक मिलकर एक साझा मंच बनाना चाहिए जो दल्ली राजहरा के लिए केंद्र सरकार से विशेष पैकेज मांगे।खनिज क्षेत्रों के पुनर्विकास अधिनियम के तहत यहां विशेष अनुदान मिले।रेलवे, ट्रांसपोर्ट और टूरिज्म मंत्रालय से परियोजनाएं लाई जाएं। PM Gati Shakti योजना के अंतर्गत दल्ली राजहरा को लॉजिस्टिक हब के रूप में विकसित किया जा सकता है।

➡️3. क्या कोई नेतृत्वकारी व्यक्ति चाहिए?

हर आंदोलन, हर बदलाव के लिए एक नेतृत्वकर्ता चाहिए होता है। आज दल्ली राजहरा को एक सशक्त, शिक्षित, दूरदर्शी नेतृत्व की आवश्यकता है – जो सिर्फ राजनीति न करे बल्कि स्थानीय व्यापार, शिक्षा, युवा और महिलाओं को साथ लेकर बदलाव की आवाज बने।यह नेतृत्व गैर-राजनीतिक भी हो सकता है, जैसे व्यापारी संघ, युवा संगठन या सामाजिक कार्यकर्ता।
➡️ 4. BSP राजस्व का स्थानीय उपयोग और विकास की राह?
BSP से प्राप्त राजस्व का बड़ा हिस्सा जिले और राज्य के अन्य हिस्सों में खर्च हो रहा है, जो अन्यायपूर्ण है।दल्ली राजहरा में गैर-लाभकारी इंडस्ट्री जैसे फूड प्रोसेसिंग, डेयरी, पैकेजिंग यूनिट, वस्त्र निर्माण इकाइयां खोली जा सकती हैं।शिक्षा के क्षेत्र में यहां निजी विश्वविद्यालय, तकनीकी संस्थान, नर्सिंग कॉलेज, फार्मेसी कॉलेज जैसे हब बनाए जा सकते हैं।इको टूरिज्म और ट्रेकिंग स्पॉट्स के रूप में यहां की पहाड़ियों और प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग किया जाए।

🔥वीरेंद्र कुमार साहू (पार्षद वार्ड नंबर 7)🔥

लौह नगरी दल्ली राजहरा ने देश और प्रदेश को कई खिलाड़ी दिए लेकिन खिलाड़ियों को सुविधा के नाम पर सरकार ने कुछ भी नहीं दिया l हमारे दल्ली राजहरा की नेमीचंद जैन महाविद्यालय ( कालेज ) की स्थिति बहुत खराब है l कॉलेज जंगल में स्थिति में हो गया है lवार्ड नंबर 7 के तालाब में पूरी गंदगी भरी हुई है l लाखों रुपया नगर पालिका की ओर से तालाब के लिए आवंटित हुआ है लेकिन स्थिति जस के तस है l तालाब में विभिन्न हिंदू रीति रिवाज वाले कार्यक्रम भी नहीं हो पाते l  दल्ली राजहरा ने देश और प्रदेश को कई खिलाड़ी दिए हैं और कई रिकॉर्ड भी बनाए हैं l लेकिन यहां पर एथलीट ग्राउंड का 400 का ट्रैक नहीं है l यहां पर 25 साल से नगर पालिका है पर नगर पालिका का गेस्ट हाउस नहीं है l दल्ली राजहरा के पंडित जवाहरलाल नेहरू फुटबॉल स्टेडियम में कई बच्चे विभिन्न प्रतियोगिताओं के लिए प्रेक्टिस करने के लिए आते हैं लेकिन तकलीफ की बात यह है कि यहां एक भी ढंग से पेशाब घर है और ना शौचालय है जिसमें खासकर लड़कियों को बहुत तकलीफ होता है l शासन की ओर से इस ओर भी ध्यान देना चाहिए l
दल्ली राजहरा में मैराथन होता था आज कोई मैराथन नहीं होता है दल्ली राजहरा के ग्राउंड में कोई भी एनआईओएस कोच नहीं है l

Bhojram Sahu

प्रधान संपादक "हमारा दल्ली राजहरा: एक निष्पक्ष समाचार चैनल"

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