दल्ली राजहरा सोमवार 4 जून 2025 भोज राम साहू 98937 65541
03 अगस्त 2025 को छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा,छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ के कार्यालय मे भारत निर्माण यात्रा मे निकले देश के 18 अलग अलग राज्य दिल्ली, मुंबई, उत्तर प्रदेश, पंजाब, मध्य प्रदेश से आये यात्रियों के साथ चर्चा हुआ यात्रियों में विभिन्न शोधकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता, चिकित्सक, इंजीनियर, और विभिन्न विभागों के बुद्धिजीवी थे l जिसमें हमारे संगठन के इतिहास व आंदोलन के बारे मे हमारे संगठन के साथियों के द्वारा बताया गया, कार्यकम में 18 यात्रियों स्वागत व सम्मान किया गया l बाबा आमटे ,जिसे आनंदवन के नाम से भी जाना जाता है, महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले में वरोरा के पास स्थित है lयह आश्रम कुष्ठ रोगियों और समाज के वंचित वर्गों के विकलांग लोगों के लिए स्थापित किया गया था, निर्माण यात्रा बाबा आमटे द्वारा शुरू की गई एक पहल थी, जिसका उद्देश्य वंचितों और हाशिए पर पड़े लोगों के लिए काम करना था l
यह यात्रा सामाजिक न्याय और समानता के लिए एक आंदोलन था l 2025 में, इस यात्रा के माध्यम से बाबा आमटे के सामाजिक कार्यों को याद किया जाएगा। छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष श्री जनक लाल ठाकुर ने संगठन 1977 से चले आ रहे हमारे संगठन के संघर्ष के बारे में कामरेड शहीद शंकर गुहा नियोगी के विचारों के साथ आमजन मानस नियोगी के साथ कैसे जुड़ गया इस पर यात्रियों को बताया गया, छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा (छमुमो)/ छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक एक श्रमिक आंदोलन है l जिसकी स्थापना 1979-80 में शंकर गुहा नियोगी ने की थी। यह संगठन मुख्य रूप से छत्तीसगढ़ के असंगठित और ठेका श्रमिकों के अधिकारों के लिए संघर्ष करता है। नियोगीने 1976-77 में दल्ली राजहरा में छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ की स्थापना के साथ मजदूरों को संगठित करने का कार्य शुरू किया था। उनका आंदोलन केवल हड़तालों तक सीमित नहीं था, बल्कि इसमें सामाजिक बदलाव, मजदूरों के जीवन की बेहतरी, शिक्षा, स्वास्थ्य और पर्यावरण जैसे मुद्दे भी शामिल थे। उन्होंने शहीद अस्पताल और शहीद डिस्पेंसरी जैसे संस्थानों की स्थापना की, जो मजदूरों के लिए स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करते थे। शंकर गुहा नियोगी एक प्रख्यात मजदूर नेता थे, जिनका जन्म 1942में हुआ था। वे सादगी, पारदर्शिता और मजदूरों के प्रति समर्पण के लिए जाने जाते थे। उनका जीवन आदर्शों से भरा था; वे एक झोपड़ी में रहते थे और मजदूरों की तरह जीवन जीते थे। नियोगी ने न केवल मजदूरों के वेतन-भत्ते के लिए लड़ाई लड़ी, बल्कि आदिवासियों और वनवासियों के अधिकारों, जैसे जलाऊ लकड़ी के लिए वन विभाग की परेशानियों के खिलाफ भी संघर्ष किया।
वर्तमान दौर में भी नियोगी के विचारों के साथ संगठन अभी तक अच्छे और कुशल नेतृत्वकर्ताओं के साथ संगठन लगातार आम जनता की समस्याओं को सुलझाने , युवाओंको रोजगार दिलाने, किसानों और मजदूर को उनका हक दिलाए और अन्य सभी वर्गों के साथ मिलकर सरकार के गलत नीतियों के खिलाफ मैदान में उतरकर कार्य करता है और करता रहेगा। कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जनक लाल ठाकुर जी, छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ के अध्यक्ष सोमनाथ उईके जी, सचिव सुरेंद्र साहू जी, कोषाध्यक्ष राजाराम बरगद जी, हितेश डोंगरे, रूपेश, बेरोजगार युवा संघ के सभी सदस्य शामिल हुए।