सम्यक बौद्ध महासभा दल्ली राजहरा के तत्वाधान में डॉक्टर अंबेडकर मेमोरियल भवन में आश्विन पूर्णिमा 7 अक्टूबर वर्षावास समापन हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । इस अवसर पर सर्वप्रथम तथागत गौतम बुद्ध बोधिसत्व डॉ भीमराव अंबेडकर की छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित की गई त्रिशरण पंचशील बुद्ध धम्म और संघ की पूजा अर्चना की गई। बौद्ध धर्म के अनुसार भिक्षु को वर्षावास के समय सुविधा अनुसार 3 माह तक एक ही स्थान पर निवास करने का नियम बनाया गया है। क्योंकि भिक्षु भिक्षुणी नियमों व शीलो का कड़ाई से पालन व आचरण कर सके और अपने चित् विशुद्धि के लिए विपासना का सतत अभ्यास कर सके। साथ ही स्थानीय उपासक उपसीकाओं को बुद्ध धर्म का उपदेश दे सके, ताकि उपासक अपने कल्याण व मंगल के लिए बुद्ध के उपदेशों का श्रवण कर गृहस्थ जीवन को सुखी बना सके। सुखी जीवन जीने के लिए गृहस्थ को बुद्ध, धर्म, संघ पर श्रद्धा रखते हुए पंचशीलों का पालन, चार आर्य सत्य की जानकारी, दान परमिता को बढ़ाना, धम्मउपदेश सुनना, उपासथ व्रत का पालन करना और दुखों से मुक्ति के मार्ग पर चलना होता है ताकि स्वयं के कल्याण के साथ-साथ औरों के कल्याण में सहभागी बन सके।
धम्मपद का वाचन भीम राव मेश्राम के द्वारा किया गया और ध्यान साधना का अभ्यास अजय रामटेके के द्वारा कराया गया। तदपश्चात्य वर्षावास समापन पर मुख्य वक्ताओं में से समाज के अध्यक्ष अशोक बाम्बेश्वर,भारतीय बौद्ध महासभा के प्रदेश उपाध्यक्ष हेमंत कांडे, प्रवीण रामटेके,बी.एल. बौद्ध,नीता कमल रामटेके द्वारा विचार प्रगट किए गए।
तीन माह वर्षावास समापन के अवसर पर सबसे अधिक उपस्थिति दर्ज कराने वाले अजय रामटेके, भीमराव मेश्राम , सुरेन्द्र मेश्राम, अनिल रामटेके ,रोशन पाटील एवं श्रीमती विद्यावती सहारे को समाज की ओर से शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का मंच संचालन महिला अध्यक्ष श्रीमति चंद्ररेखा नंदेश्वर ने किया। एवम् आभार प्रदर्शन भूमिका पाटील ने किया। सम्यक बौद्ध महासभा दल्ली राजहरा के तत्वाधान में डॉक्टर अंबेडकर मेमोरियल भवन में आश्विन पूर्णिमा 7 अक्टूबर वर्षावास समापन हरसुल दास के साथ हर्षोल्लास के साथ मनाया गया इस अवसर पर प्रथम सर्वप्रथम तथागत गौतम बुद्ध बोधिसत्व डॉ भीमराव अंबेडकर की छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित की गई त्रिशरण पंचशील बुद्ध धम्म और संघ की पूजा अर्चना की गई। धम्मपद का वाचन भीम राव मेश्राम के द्वारा किया गया और ध्यान साधना का अभ्यास अजय रामटेके के द्वारा कराया गया।तदपश्चात्य वर्षावास समापन पर मुख्य वक्ताओं में से समाज के अध्यक्ष अशोक बाम्बेश्वर,भारतीय बौद्ध महासभा केप्रदेश उपाध्यक्ष हेमंत कांडे, प्रवीण रामटेके,बी.एल. बौद्ध,नीता कमल रामटेके द्वारा विचार प्रगट किए गए।
तीन माह वर्षावास समापन के अवसर पर सबसे अधिक उपस्थिति दर्ज कराने वाले अजय रामटेके, भीमराव मेश्राम , सुरेन्द्र मेश्राम, अनिल रामटेके ,रोशन पाटील एवं श्रीमती विद्यावती सहारे को समाज की ओर से शॉल भेंट कर सम्मानित किया गया।कार्यक्रम का मंच संचालन महिला अध्यक्ष श्रीमति चंद्ररेखा नंदेश्वर ने किया। एवम् आभार प्रदर्शन भूमिका पाटील ने किया।
इस अवसर पर ओमप्रकाश रामटेके, सुरेंद्र मेश्राम, किशोर बांबेश्वर, संतोष मेश्राम , कमलकांत रामटेके, कृष्णमूर्ति रामटेके,गोवर्धन रंगारी सत्यनारायण रामटेके, संतोष सहारे,गौतम रामटेके, दीपक रंगारी, जितेंद्र मेश्राम, डॉक्टर अजय बनसोडे, सत्य विजय बंबेश्वर, नरेंद्र पवार, दीपक दामले, गोवर्धन रंगारी, देवेश मेश्राम, शैलेंद्र रामटेके ,नरोत्तम मेश्राम, नोमेश रामटेके, अजय मेश्राम, विनोद घनश्याम ,अविनाश शेंडे,नरेंद्र डोंगरे, श्रीमती जोत्सना मेश्राम ,शारदा बंबेश्वर ,माया नोन्हारे, सीमा रामटेके, नीतू रामटेके, रितु बंबेश्वर, भावना दसोडे , मीरा बौद्ध, यामिनी , शीला दसोडे,पूर्णिमा रामटेके, लीला खोबरागड़े, रमाबाई महेश्वरी, रंजना खोबरागड़े, निर्मला भगत ,रमा मेश्राम, मंजू गजभिए, पूनम वासनिक, उषा रामटेके,अनीता ऊके, कौशल्या बनसोडे ,मंजू गजभिए, दीपिका ऊके, एम.एम.सोमकुवर, उषा रंगारी, निर्मला पचभिये, लता सावलकर, रितु मेश्राम, रंजीता मेश्राम, पूनम वासनिक, रंजन खोबरागड़े बिना बोरकर भावना दसोड विशाल दसोड जमुना देवी मेश्राम पूनम देवी मेश्राम ललिता रामटेक मीना रामटेक हेमलता मेश्राम सुशीला रामटेक उषा मेश्राम दिव्या मेश्राम सत्यभामा दामले अनीता बंबेश्वर गणेश रंगारी चंद्रशिला गजभिए रश्मि रंगारी शिल्पा ,ललिता वासनीक ,सीता गोंडाने,भूमि गायकवाड, रानू रामटेके, प्रियांशु रामटेके, अनीता, गणेशा बाई एवं बौद्ध उपासक उपासिकाएं उपस्थित थी।