“संडे मेघा स्टोरी में आज रविवार 2 फरवरी 2025 को पढ़िए ! दल्ली राजहरा का शहनाज एवं शेख सलीम के घर जो किसी हिल स्टेशन से कम नहीं है की कहानी !”

दल्ली राजहरा
रविवार 2 फरवरी 2025
भोज राम साहू 9893765541
संडे मेघा स्टोरी में आज रविवार 02 फरवरी 2025 को बालोद जिले का एकमात्र और दल्ली राजहरा की एक ऐसी प्राकृतिक प्रेमी की कहानी आपको बता रहे हैं l आज बीएसपी अधिकारी शेख सलीम की पत्नी शहनाज जो की 256/ B कॉलेज रोड में रहते हैं l उनके पति बीएसपी में सिविल विभाग में अधिकारी हैं l मैडम शहनाज ने बताया कि उन्हें फूल और पौधों से लगाव बचपन से है पारिवारिक पृष्ठभूमि से इनको प्रेरणा मिली l दल्ली राजहरा के सप्तगिरि पार्क में होने वाले फ्लावर शो में 25 सालों से भाग ले रही है l अब तक विभिन्न स्तर पर इन्हें 250 से 300 तक पुरस्कार मिल चुके हैं l
वे बताती है कि अपने पति शेख सलीम के साथ प्रतिदिन तीन से चार घंटे अपने गार्डन में फूल पौधों के कटाई छटाई देखभाल नए पौधे लगाना जैसे भिन्न कार्यों में समय देती है l तथा लगभग सालाना 30 हज़ार से ₹40 हजार फूल पौधे खाद आदि में खर्च करते हैं l उनके घर में फूलों की किस्मों को देखें तो आप गिनते रह जाएंगे l साधारण सी बेगुण बेलिया (काग़ज़ के फूल ) जो आम जगह पर सफेद और लाल गुलाबी नजर आता है इनके घर 15 रंगों मे देखते ही बनता है l गुलाब की कई रंगों में खिले अनगिनत किस्म , तो बोनसाई में बरगद और पीपल के पेड़ अपना अलग ही पहचान बना कर रखे हुए हैं l
जहां आप कहीं नहीं देखे होंगे ऐसे केला के पेड़ों के फल जो मैरून कलर के हैं l इनके किचन गार्डन में लगे ब्रोकली विभिन्न किस्म के सब्जी के पौधे मसाले जिसमें तेज पत्ता लौंग इलायची दलचीनी पाइप में लगाए गए स्ट्रॉबेरी मुस्कुराते हुए नजर आते हैं l इनके गार्डन में लगाए हुए अमलाताश ,केरल से लाये बेल किस्म थमबरगिया के की पैड में आए हुए डेढ़ फीट से लंबी मैरून कलर की झूमते हुए फूल अपना अलग ही पहचान बनाए हुए हैं l उन्होंने बताया कि अक्टूबर माह से इसमें फूल आ रहे हैं जो अभी तक जारी है पेड़ों से निकलने वाले कलियों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कम से कम दो माह तक फुल और पेड़ों में रहेेंगे l इनका क्वार्टर देख तो ऐसा लगता है कि मानो किसी हिल स्टेशन में आ गया हो l
घर के चारों तरफ वीभिन्न किस्म के फूल पौधे जो कभी आपने सपने में भी नहीं देखे होंगे l फूलो और पौधा को की इतनी किस्म कि मेरा दावा है बालोद जिले में भी आप ढूंढेंगे तो ऐसा फूल और पौधों का संकलन आपको नहीं मिलेंगे l इनके जो फूल पौधों के संकलन है l
इनके गार्डन में उपलब्ध सीजनल फूलों की वैरायटी _ सालविया, पिटुनिया, पैंजी, इंटीरिनम, गेंदा, स्टॉक, कैलेंचो, बिगोनिया, लाइटेनियम, डहेलिया, क्लोम, जिरेनियम, केला लीली, डेंथस, अस्टर, कैलेंडुला, ग्लाक्सीनिया, हाईड्रेंजिया, लिलियम, प्लेटिकोडोन, साईक्लमेन, वरबीना, कार्नेशन, ग्लैडियोलस, ट्यूलिप, स्वीट विलियम, फ्लॉक्स, स्टार फ्लॉक्स, फ्रेशिया, एलाईशम , थंबरगिया, बिग्नोनिया
हमेशा रहने वाले फूलों की वैरायटी_ गुलाब, जरबेरा, बोगनवेलिया, लैंड ऑर्किड, ऑर्किड, कमल, एंथोरियम, पार्चुलाका, हेलीकोनिया, चमेली, लीजियंथस, अजेलिया , गंधराज , ब्लीडिंग हार्ट, गुलमोहर, रातरानी, रजनीगंधा, गुड़हल, यू फोर्बिया, मोगरा, फुटबॉल लीली, पीस लीली, एडिनियम, फलों की वैरायटी _ पपीता, केला, स्ट्राबेरी, अनार, चीकू, लीची, बेर, ड्रैगन फ्रूट, नींबू, स्टार फ्रूट,किचन गार्डन मे पौधों की वैरायटी_ बैगन, टमाटर, मिर्च, धनिया, प्याज, चना, बींस, पत्तागोभी, फूलगोभी, ब्रॉकली, बैंगनी फूलगोभी, ऑरेंज फूलगोभी, शिमला मिर्च, पालक, पुदीना, मूली, गांठ गोभी, लौकी, कुम्हड़ा, करेला, कुंदरु, हल्दी, अदरक, तेजपत्ता, दालचीनी, कालीमिर्च, लाइची, लेमन ग्रास, और बहार से लाए हुऎ पौधेकोई अद्भूत फूल या पौधे जो छत्तीसगढ़ में नहीं मिलते _ ऑर्किड, थंबरगिया l
बीच में बने लान भी मन को मोह लेता हैl फूल आप कितना भी खरीद लें सबसे बेहतरीन होता है उसका चयन और उसे कैसे सजाया जाता है यह इन्होंने अपने गार्डन में कर दिखाया l