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छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ ने मुख्यमंत्री के नाम यूक्ति – यूक्तिकरण प्रक्रिया निरस्त कर शिक्षक भर्ती अभियान प्रारम्भ करने अनुविभागीय अधिकारी को सौंपा ज्ञापन l

दल्ली राजहरा
शुक्रवार 30 मई 2025
भोजराम साहू 98937 65541
छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ ने माननीय विष्णुदेव साय जी मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन रायपुर (छ.ग.) को युक्ति युक्तिकरण प्रक्रिया निरस्त कर शिक्षक भर्ती अभियान प्रारम्भ करने अनुविभागीय दण्डाधिकारी, (राजस्व) को ज्ञापन सौंपा है l
विदित हो कि छत्तीसगढ़ प्रदेश में 10463 स्कूलों का युक्ति युक्तकरण किया जा रहा है, जिससे 25 हजार शिक्षकों पर सीधा असर होगा इस प्रक्रिया से सरकार व्यवस्था को बेहत्तहर बनाने का तर्क दिया जा रहा है, जो पूर्णतः असत्य है, जबकि ग्रामीण क्षेत्र पूर्णत शिक्षा से वंचित होंगे, प्रस्तावित ग्रामों वा स्थानों को सूचीबद्ध कर शिक्षक विहीन स्कूलों में शिक्षक भर्ती किया जाय। ताकि सभी वर्ग के बच्चे शिक्षा प्राप्त करने के बुनियादी अधिकार प्राप्त कर सके प्राथमिक शालाओं में 1 प्रधान पाठक व कम से कम 2 शिक्षक पदस्थ करें। जो संख्या के अनुपात में अतिरिक्त शिक्षक की पदस्थपना हो. इसी प्रकार माध्यमिक शालाओं में विषयवार शिक्षक की पदस्थपना हो जो विषय के विशेषज्ञ हो. जहाँ छात्र नहीं है, वहीं छात्र को शाला त्यागी न हो की व्यवस्था की जाय, जिससे शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय शाला में व्यक्ति शिक्षक की व्यवस्था करना ही शासन-प्रशासन का मूल कर्त्यव्य है। शालाओं में भौतिक संसाधन, पर्यावरण सुधार व शालाओं को आकर्षक बनाने की योजना कियान्वित किया जाय बालोद जिले में 353 स्कूल प्रभावित है, जो अनुसूचित क्षेत्र की शिक्षण संस्थाएँ है. स्कूल संचालन की खर्च घटाने के बजाय सांसद-विधायक मंत्री प्रशासनिक अधिकारियों के फिजुल खर्चों पर बंदिश लगाया जाय। एक परिसर में प्राथमिक माध्यमिक हाई स्कूल हायर सेकेण्डरी की व्यवस्था को अविलम्ब लागू करें। ड्राफ आउट बच्चों को स्कूल लानें के लिए बृहद् व सकारात्मक योजना कियान्चित किया जाय। स्कूलों को बंद करने शिक्षकों को शालाओं से हटाने से शिक्षा बेहतर नहीं होगी, और शिक्षा की न गुणवत्ता में सुधार आयेगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 को कारगर बनाने के उपायों पर विचार किया जाय।
वर्तमान सरकार शिक्षा की गुणवत्ता व अवसर की उपलब्धतता को कम कर रही है आपके द्वारा चलाये जा रहे सुशासन त्योहार पूरी तरह असफल व भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने वाली व फिजुल खर्ची है. इसमें व्यय होने वाली राशि शिक्षा के प्रचार-प्रसार व बच्चों को कापी पेन ड्रेस के लिए आबंटित किया जाना चाहिए। ताकि छात्र-छात्राओं को शिक्षा के प्रति आकर्षित किया जा सके, शिक्षकों से गैर-सरकारी कार्यों को कराने की प्रथा बंद हो। उपरोक्त प्रक्रिया को लागू करने से शिक्षा के क्षेत्र में पूँजीवादी व निजीकरण कर प्राइवेट संस्थाओं को बढ़ावा मिलेगा, जो हानिकारक है। छत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा सदैव जन सरोकार से जुड़े शिक्षा स्वास्थ्य, रोजगार, बिजली, पानी, नशाबंदी संम्बधित मुद्दों को प्राथमिकता के आधार पर शासन व प्रशासन के समक्ष रखती है।
अतः आप से अनुरोध है, कि शिक्षकों का युक्ति-युक्तिकरण की प्रकिया को बंद कर शिक्षक भर्ती की प्रकिया डी.एड/ बीएड शिक्षकों की पुनं नियुक्ति पर ध्यान केन्द्रित कर बेरोजगार युवाओं को रोजगार प्रदान की दिशा में सकारात्मक पहल करने की कृपा करें अन्ग्रथा प्रभावित शिक्षकों के पक्ष में जन आंदोलन हेतु हमारी संगठन बाध्य होंगे।
उन्होंने प्रतिलिपि (१) शिक्षा मंत्री छत्तीसगढ़ शासन, (2) जिलाधीश महोदय जिला-बालोद (छ.ग.)(3) अनुविभागीय दण्डाधिकारी अनु (राजस्व) दल्लीराजहरा/ डौण्डी -लोहारा को दिया है l
ज्ञापन सौंपने वालों में प्रमुख रूप से इन लोगों की उपस्थिति रही lछत्तीसगढ़ मुक्ति मोर्चा अध्यक्ष -पूर्व विधायक जनक लाल ठाकुर ,छत्तीसगढ़ माइंस श्रमिक संघ अध्यक्ष -सोमनाथ उइके, महामंत्री – रामचरण नेताम, उपाध्यक्ष – शैलेश कुमार ,सुरेंद्र साहू बौद्ध महासभा – हेमंत कांडे जी , हितेश कुमार ,महेश भारती,टोमन निर्मलकर ,योगी जी, योगेश यादव लैलन साहू ।