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अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार द्वारा भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा आयोजित कक्षा पांचवी में सरस्वती शिशु मंदिर दल्ली राजहरा के छात्र हिमांशु साहू रहे प्रथम l

दल्ली राजहरा

मंगलवार 25 मार्च 2025

भोज राम साहू 9893765541

अखिल विश्व गायत्री परिवार शांतिकुंज हरिद्वार द्वारा संचालित भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा 2024- 25 का आयोजन पूरे भारत देश में किया जा रहा है l इसी कड़ी में प्रदेश मेंजिला स्तरीय भारतीय संस्कृति ज्ञान परिसर का सम्मान समारोह23 मार्च 2025, रविवार कोगायत्री शक्तिपीठ, दल्लीराजहरा में आयोजित किया गया l भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा का उद्देश्य छात्र-छात्राओं में स्कूली शिक्षा के साथ-साथ मानवीय मूल्यों का विकास करना तथा सांस्कृतिक चेतना जागृत कराना ऋषि प्रणीत भारतीय संस्कृति का निकट से परिचय कराना, सांस्कृतिक और आध्यात्मिक मूल्यों को दैनिक जीवन में जोड़ना एवं जीवन में उतारना तथा नैतिक शिक्षा, सामान्य ज्ञान, पर्यावरण, खेलकूद आदि का ज्ञान संवर्धन करना है।
जिला स्तर में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त विद्यार्थियों तथा शिक्षकों का सम्मान समारोह रखा गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पी. सी. मर्कले (जिला शिक्षा अधिकारी बालोद)अध्यक्षता रामपाल तिवारी (संयोजक, भा. सं. ज्ञान परीक्षा, छ.ग.) विशिष्ट अतिथि डी.पी. कोसरे (सहायक जिला परियोजना अधिकारी समग्र शिया, बालोद) व्ही. एस. अठनागर (जिला समन्वयक, बालोद) पी. एल. साहरा (वरि, कोषालय अधिकारी, चंद्रावती कोषालय नया रायपुर)
जय सिंह भारद्वाज (वि.व. शिक्षा अधिकारी छौण्डी) हिमांशु मिश्रा (वि.व. शिक्षा अधिकारी डौण्डीलोहारा)बसंत कुमार बाध (वि.ख. शिक्षा अधिकारी बालोद) नवीन कुमार यादव (वि.ख. शिक्षा अधिकारी गुण्डरदेही) ललित कुमार चंद्राकर (वि.व. शिक्षा अधिकारी गुरूर)

कार्यक्रम में कक्षा पांचवी से लेकर कॉलेज तक के विद्यार्थियों के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी जिसमें सभी कक्षाओं के बच्चों को प्रथम द्वितीय तृतीय पुरस्कार दिए गए जो इस प्रकार से हैं l

 

➡️कक्षा पांचवी

 1. हिमांशु साहू पिता खिलावन सिंह साहू
2. किरण पिता गिरवर सिंह
3. निखिल कुमार पिता वेदराम

➡️ कक्षा छठवीं

1. वंश निषाद पिता पलटन
2.पीयूष पटेल पिता भाग चरण पटेल
3. हिमांशी ठाकुर पिता चंद्र कुमार ठाकुर

 

➡️कक्षा सातवीं

1.सुष्मिता पिता योगेश्वर सोनभद
 2. अदिति सिंह पिता निर्मल कुमार सिंह
3. छाया साहू पिता मेघनाथ साहू

➡️ कक्षा आठवीं

1.कामेश्वरी साहू पिता राकेश कुमार l
2. साक्षी पिता नील कुमार
3. गीता साहू गीतांजलि दीपक साहू

  ➡️ कक्षा नवमी

 

1.निशिता साहू पिता राम कृष्णा साहू
2. विद्या यादव माँ साक्षी यादव
3.कृतिका पिता हुकूमत

➡️ कक्षा10 वी

1. गरिमा सोनी पिता राकेश कुमार सोनी
2. ख्याति पिता सरवन कुमार
3. कल्याणी पिता योगेंद्र कुमार

➡️ कक्षा 11 वी

1.नोबिता देवांगन भोमाराम देवांगन
2. योगिता सिंह पिता सुरेश कुमार सिंह
3. उषा कॉमड़े पिता हेमंत कामड़े

➡️कक्षा 12वीं

 1.राजेश कुमार पिता डोमन लाल
2.गिरीश कुमार पिता रघुनंदन कुमार
3.हिमांशु यादव पिता जगदीश राम यादव

कालेज स्तर

1.प्रियांशु बारले पिता तीरथ राम बारले
2.विकास पटेल पिता खोरबाहरा राम
  3. धरती साहू पिता दुष्यंत कुमार

रामगोपाल तिवारी (संयोजक भारती संस्कृति ज्ञान परीक्षा)

 ने कहा सन 1835 में ब्रिटिश पार्लियामेंट में मैकाले ने एक बात रखी कि यदि भारत को गुलाम बनाना है तो उनकी पढ़ाई लिखाई आचार विचार का तरीका बंद करना पड़ेगा और इस तरह धीरे-धीरे भारतीय संस्कृति के गुरुकुल को बंद कर दिया गया l गुरुकुल में बच्चे पढ़ाई करते थे उसे आगे बड़े गुरुकुल में जाते थे और अंत में नालंदा जैसे विशाल गुरुकुल में पढ़ाई करने पहुंचते थे l वहां सारे विषयों की पढ़ाई होती थी जहां विदेशो से भी विद्यार्थी पढ़ाई करने आते थे l जिस चीज को आज कंप्यूटर गणना कर रहा है उस गणना को पहले ही हमारे गुरुकुल के आचार्य, ऋषि मुनि निर्धारित करते थे l हमारे वेद पुराणों में आकाशीय खगोलीय घटनाओं के मार्ग पर सारी बातें बताई गई है l जब विदेशों में पता चला कि वेदों में विमान की संरचना के दिशा निर्देश लिखी गई है उसे सीख कर जर्मनी ने हवाई जहाज की खोज की यह हमारी संस्कृति है विदेशी हमारे संस्कृति को सीखने और समझने के लिए भारत आते हैं और हम विदेशी संस्कृति को अपनाने के लिए आतुर हो रहे हैं l यह हमारे लिए बहुत बड़ी विडंबना है भारतीय संस्कृति पढ़ने और अभ्यास तक नहीं है उसे अपने जीवन में उतारने की है l हमारी संस्कृति बहुत सरल है हमारी संस्कृति में कहा जाता है कि सूर्य आपको सोते हुए ना देखें l इसका मतलब है आपको सूर्योदय से पहले उठना होगा l दूसरी बात घर में सभी बड़ों का चरण स्पर्श करें l

व्ही एस भटनागर जिला समन्वयक

ने कहा भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में जिन्होंने बैठा ज्ञान प्राप्त किया सबको हार्दिक शुभकामनाएं l यह परीक्षा नहीं है अपितु भारतीय संस्कृति ऐसी है जिसे हम जीवन जीने की कला कहते हैं l भारतीय संस्कृति एक देवता बनने की सीढ़ी है l सुबह सूर्योदय से पहले उठना और बड़ों का आदर करना जीवों के प्रति दया, पेड़ पौधे के से प्यार यह सब भारतीय संस्कृति है भारतीय साहित्य से बड़ा कोई साहित्य नहीं है l यहां बच्चों को संस्कार दिए जाते हैं जो आगे चलकर अपना पिता का घर गांव शहर और देश का नाम रोशन करते हैं

 अतिथि कृष्ण कुमार विनोद प्रज्ञा पुत्र

ने कहा भारतीय संस्कृति मानव को देवत्व बनाने की कला है भारत यात्रा पर आए एक विदेशी ने लिखा था यहां कोई भिखारी और ना यहां कोई चोर है सभी आपस में प्रेम और भाईचारे से रहते हैं या हमारी भारतीय संस्कृति है l विक्रम को मुख्य अतिथि पीसी मार्कले विकास खंड शिक्षा अधिकारी डौंडी जय सिह भारद्वाज ने भी संबोधित किया l

इस अवसर पर व्यवस्थापक हीरालाल पवार , मुख्य ट्रस्टी हुलास कुमार देवांगन गायत्री जिला सचिव पुरुषोत्तम लाल सोनवानी , श्री विजेंद्र विश्वकर्मा, नंदकिशोर पिस्दा , कुलेश भारद्वाज ,टीकम लाल साहू, सोनसाय लटियारे, धर्मपाल नायक, डोमन यादव , संतोष कुमार कोराटिया, संगीता कोराटिया , अर्चना देशमुख, रेणुका गंजीर, हेमलता यादव, दमयंती पवार , बंशी रावटे अशोक कुमारी उपस्थित थे l

Bhojram Sahu

प्रधान संपादक "हमारा दल्ली राजहरा: एक निष्पक्ष समाचार चैनल"

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