बालोद जिले के आदिवासी विकासखण्ड डौंडी विकास खंड के ग्राम पंचायत भर्रीटोला -36 के शासकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय स्कूल भवन विगत दो दशकों से अधिक वर्षों से संचालित है तथा इस स्कूल भवन मे गाँव के बच्चे व आसपास के ग्रामीण बच्चे अध्ययनरत हैं, किन्तु कई वर्षों से यह स्कूल भवन की छत जर्जर हो चुकी है। जिसकी मरम्मत की आवश्यकता है।
स्थानीय ग्रामवासी व स्कूल स्टाफ भी आस लगाये बैठे हुआ है कि जल्द ही इस स्कूल भवन का जीर्णोद्दार व मरम्मत कार्य होगा। इस स्कूल के मरम्मतीकरण व जीर्णोद्दार के लिए कई बार मौखिक व लिखित शिकायत स्कूल कर्मचारियों, पालकों व ग्राम वासियों द्वारा किया जा चुका है, किन्तु शिक्षा विभाग, शासन-प्रशासन इस विषय को लेकर गंभीर नहीं है। ऐसा लग रहा मानो किसी बड़ी दुर्घटना का इंतजार कर रहे हैं।
इस स्कूल में वर्तमान सत्र में 350 से अधिक बच्चे अध्ययनरत हैं l 8 कमरे के भवन मे सभी कमरे कि दिवार या छतो कि स्तिथि ख़राब है l यह स्कूल विकास खंड मे बच्चों के दर्ज संख्या के हिसाब से से तीसरे नंबर पर आता है। विगत कई वर्षों से इस जर्जर भवन मे स्कूली बच्चे बैठकर पढने को मजबूर हैं, किन्तु शिक्षा विभाग इस विषय को लेकर गम्भीर नहीं है।
इस सम्बन्ध मे ग्राम के सरपंच रेवा रावटे जी से जानना चाहा तो उन्होंने बताया कि यह ग्रामवासियों व बच्चों के लिये बहुत अच्छा स्कूल है l हमारे विद्यालय के बच्चे आभाव मे भी अपना और शाला का नाम गौरान्वित कर रहे है l किन्तु विगत कई वर्षों से इस स्कूल भवन की स्थिति जर्जर है। पंचायत स्तर पर व शिक्षा विभाग में कई बार शिकायत किया जा चुका है l किन्तु शासन प्रशासन इस विषय को लेकर गंभीर नहीं है। ज़ब भी शिक्षा विभाग के अधिकारियों से इस बात कि जानकारी लेते है तो गोल मोल जवाब देते हैं l विगत दिनों सुशासन तिहार पर भी मांग किया गया था l फिर भी उनका जबाब संतुष्टी प्रद नही रहा।शासन प्रशासन के द्वारा लगातार क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों पालकों, बच्चों के साथ भेदभाव नीति अपनाकर ग्रामीण क्षेत्रों के बच्चों के साथ अन्याय कर रही हैं। ग्राम पंचायत सरपंच रावटे जी व उपसरपंच अग्रेश्वर कृपाल व ग्रामवासियो ने एक स्वर मे उचित समय पर जर्जर शाला भवन का मरम्मत या जीर्णोद्धार नहीं करने पर उग्र आंदोलन कि राह अख्तियार करने कि बात कही है l
इस अवसर पर भुवन साहू, धनेश भूआर्य, शंकर नेताम, दावेन्द्र मेरीया, श्रीमती सरस्वती गावर, अनुपा विश्वकर्मा, तामेश्वरी साहू, चैती बाई,, पांचों बाई सााहू, धनवा राम नागवंशी, सचिव, विजय बघेल, संध्या बघेल, हीरा भूआर्य व ग्रामीण जन उपस्थित रहे।