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शिवमय रहा आज लौह नगरी दल्ली राजहरा हर तरफ हो रही है ओम नमः शिवाय और हर हर महादेव की गूंज l

दल्ली राजहरा सोमवार 14 जुलाई 2025
भोज राम साहू 9893765541

 

लौह नगरी दल्ली राजहरा में आज सावन के प्रथम सोमवार को लोग भगवान महादेव को जल चढ़ाने मंदिरों और शिवालय की ओर सुबह से ही पहुंच रहे थे l पहले की भांति मंदिरों में भीड़ इस बार देखने को नहीं मिला l क्योंकि जगह-जगह शिवलिंग की स्थापना हो चुकी है l जिस कारण लोग वहीं पर जाकर भगवान शिवलिंग पर जल अभिषेक कर पूजा अर्चना कर रहे हैं l कहा जाता है कि सावन और बरसात का अनोखा रिश्ता है लेकिन इस सावन के इस पहले सोमवार को बरसात नहीं हुई l

 दल्ली राजहरा के प्रसिद्ध शिव मंदिर हॉस्पिटल सेक्टर में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी पूरे सावन मास में विशेष आयोजन किया जा रहा है l सावन के प्रत्येक दिन संध्या 4 बजे गौरी शंकर महिला मानस मंडली के द्वारा रामचरित्र मानस का पाठ होता है l शिव मंदिर के पुजारी गौतम गिरी गोस्वामी ने बताया कि सावन माह के हर सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 3:00 से 6:00 बजे तक रुद्राभिषेक का आयोजन होता है l दोपहर 12:00 बजे से पार्थिव शिवलिंग बनाकर विधि विधान से स्थापना की जाती है तथा गौरीशंकर महिला मानस मंडली के द्वारा 108 बार शिव चालीसा का पाठ किया जाता है l प्रतिदिन उसके बाद 4:30 बजे से रामचरित्र मानस का पाठ होता है l शिव मंदिर में यह कार्यक्रम पिछले 13 वर्षों से चली आ रही है l 

गौरी शंकर मानस मंडली के सदस्य हैं श्रीमती नंदनी चंद्रवंशी , मीना पटेल, वेद आडील ,अनीता यादव, चंद्रभागा वर्मा ,सुनीता नायक चंद्रभागा वर्मा , कुसुम ठाकुर, प्रभा ठाकुर कांति वर्मा और कुमारी गोस्वामी l

 शिव चालीसा का पाठ एवं भगवान शिव का अभिषेक मंदिर के पुजारी गौतम गिरी गोस्वामी के द्वारा कराया जाता है l पुजारी से भगवान शिव के पूजा के विधि विधान के बारे में पूछा गया तब उन्होंने बताया कि भगवान शिव जिसे भोले बाबा कहा जाता है वह वास्तव में भोला ही है l आप जैसे भी पूजा करें उन्हें स्वीकार है l

 भगवान भोलेनाथ की पूजा में विशेष कर रुद्राभिषेक बहुत महत्वपूर्ण रखता है l उसे नियमतः किया जाता है सर्व प्रथम शुद्ध जल से शिवलिंग का अभिषेक करें l उसके बाद शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करें फिर दूध अर्पित करें इसके बाद शिवलिंग पर दही चढ़ाए शक्कर अर्पित करें l शिवलिंग पर थोड़ा सा घी चढ़ाए l शहद अर्पित करें, फिर शुद्ध जल से शिवलिंग को साफ करें l शिवलिंग पर पीले या सफेद चंदन का लेप करें l बेलपत्र अर्पित करें भगवान शिव को सफेद फूलों की माला चढ़ाएं l इसके बाद अक्षत चढ़ाए देसी घी का दीपक जलाएं धूप जलाएं उसके बाद ओम नमः शिवाय और महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें l भगवान शिव की आरती आरती ले और भोग चढ़ाए अंत में भगवान से पूजा विधि में कोई गलती होने पर क्षमा प्रार्थना करें तथा आशीर्वाद लें l
सावन महीना भगवान शिव का महीना माना जाता है शिव पुराण के अनुसार इसी महीने समुद्र मंथन हुआ था और समुद्र मंथन से निकले विष को भगवान शिव ने पान किया था l तब से परंपरा चली आ रही है कि सावन महीने में भगवान शिव को जल चढ़ाया जाता है l सावन माह में ही देवी पार्वती ने भगवान शिव को पाने के लिए तपस्या की थी l उस तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने उनकी मनोकामना पूर्ण किए थे और देवी पार्वती को पति के रूप में भगवान शिव प्राप्त हुए थे l

 

Bhojram Sahu

प्रधान संपादक "हमारा दल्ली राजहरा: एक निष्पक्ष समाचार चैनल"

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