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“आगे पाट और पिछे सपाट” जैसे कहवत हो रहा है, वृक्षारोपण का कार्यक्रम l वृक्षारोपण के नाम पर मां का हो रहा है “सम्मान या अपमान”..!

दल्ली राजहरा सोमवार 28 जुलाई 2025 भोज राम साहू 9893765541

आगे पाट और पिछे सपाट” जैसे कहवत हो रहा है वृक्षारोपण का कार्यक्रम l वृक्षारोपण के नाम पर मां का हो रहा है सम्मान या अपमान..!

(23 मई 2025 को वृक्षारोपण करते हुए अतिथि गण)
देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी जी ने धरती मां का श्रृंगार हरियाली से करने एक बेहतरीन कार्यक्रम का आयोजन कर रहे हैं l जिसे “एक पेड़ माँ के नाम” के तहत एक बेहतरीन आयोजन कर रहे हैं क्योंकि हर व्यक्ति के लिए सबसे प्रिय मां होती है और उन्होंने बेहतरीन विकल्प चुना है l क्योंकि दुनिया में माँ से बढ़कर कोई नहीं है l जिस तरह पेड़ों हमें जन्म से लेकर मृत्यु तक हर स्तर पर मदद करता है और हम उनका उपयोग करते हैं l इसी तरह मां भी हमें हर तरह से बेहतरीन जीवन जीने की प्रेरणा के साथ हमें बचपन से अपने पैरों पर खड़े होने तक मदद करती है l उनका सोच बहुत बेहतरीन था जिसके तहत हर जगह कुछ वर्षों से वृक्षारोपण किया जा रहा है l जहां सरकार की ओर से लाखों करोड़ों रुपया इस वृक्षारोपण के नाम पर खर्च की जा रही है l तो कई संस्थाएं भी अपनी ओर से वृक्षारोपण कर रहे हैं यह एक बेहतरीन विकल्प है पर्यावरण संरक्षण और बढ़ते हुए तापमान को नियंत्रित करने के लिए l

( पेड़ तो नष्ट हो गए मात्र ढूंढ ही नजर आ रहे हैं)
लेकिन दुखद बात यह है इस वृक्षारोपण में आगे पाट और पीछे सपाट वाली कहावत चरितार्थ हो रही है l एक तरफ देखें तो धड़ाधड़ वृक्षारोपण हो रहा है व्यक्ति अपने निजी सामाजिक और शासकीय तौर पर फोटो खिंचवाकर पेपर में स्टेट्स में दुनिया भर लगा रहे हैं l लेकिन दुखद बात कुछ और है पेड़ लगाने के बाद लोग भूल जा रहे हैं कि पेड़ की महत्व क्या है l हम पेड़ लगाने के नाम पर पेड़ों की बलि दे रहे हैं l यह बात से सिद्ध हुई पिछले दिनों 23 मई 2025 को सुशासन तिहार 2025 के तीसरे चरण में समाधान शिविर का आयोजन दल्ली राजहरा के पूर्व बीएसपी हाई स्कूल क्रमांक 2 में आयोजित की गई थी l जहां माननीय सांसद महोदय भोजराज नाग भाजपा जिला अध्यक्ष चेमन देशमुख , पवन साहू यशवंत जैन नगर पालिका अध्यक्ष तोरण लाल साहू जैसे बड़े दिग्गज लोग वृक्षारोपण किए थे l लेकिन आज देखें तो वहां ठुठ के अलावा कुछ नजर नहीं आ रहा है l सभी पेड़ नष्ट हो चुके हैं क्या यही है हमारी पेड़ों के प्रति समर्पण और “एक पेड़ मां के नाम” जब हम पौधे की रक्षा नहीं कर पाए तो मां के नाम से पेड़ लगाने का महत्व क्या रह जाता है l बेहतरीन है इस तरह से अपने फोटो खिंचवाने और और वृक्षारोपण के नाम पर नन्हे पेड़ों की बलि देने से बचे l

(इस जगह पर किया गया था वृक्षारोपण)

 ऐसा भी ना हो की हर वर्ष इस तरह के कार्यक्रम का आयोजन हो l वृक्षएरोपण कर्ता भी वही हो जगह भी वही हो बस पेड़ नया हो l

Bhojram Sahu

प्रधान संपादक "हमारा दल्ली राजहरा: एक निष्पक्ष समाचार चैनल"

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