दल्लीराजहरा नगर पालिका परिषदो की लापरवाही का खामियाजा आम लोगों को अपनी जान से चुकाना पड़ रहा है। आवारा बैलों और गायों के आतंक का ताजा उदाहरण कल रात सामने आया जेडी आफिस चौक के पास एक्सिस बैंक से मात्र 10-15 मीटर की दूरी पर, हुई बैलों की लड़ाई में राकेश देवांगन का 13 माह का पुत्र युगार्थ देवांगन गंभीर रूप से घायल हो गया।
मासूम के माथे और सिर पर गंभीर चोटें आईं, जिसके लिए उसे चार टांके लगे। इस घटना में बच्चे के साथ तीन महिलाएँ भी घायल हुईं, जिन्हें प्राथमिक उपचार के बाद घर भेजा गया l
कुछ ही दिन पहले 2 अगस्त को इसी जगह इंटक आफिस के सामने दो बैलों की लड़ाई में फंसे सुरडोंगर के दो युवक घायल हो गए थे जिसमें सेएक युवक बहुत ही गंभीर रूप से घायल हो गए थे l जिन्हें इलाज के लिए राजहरा के अस्पताल से रेफर कराकर उनके परिजन बड़े अस्पताल ले गए थे ।
इस तरह की लगातार हो रही घटनाएँ नगर पालिका की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाती हैं। नगर में “काउ कैचर” सिर्फ नाम के लिए है। सोशल मीडिया पर दिखावे के लिए दो चार गाय या बैल पकड़कर फोटो खींचना ही इनका काम रह गया है। हकीकत यह है कि सड़कों पर आज भी दर्जनों गाय और बैल खुलेआम घूम रहे हैं और लोगों की जान खतरे में डाल रहे हैं। 2 अगस्त के घटना के उपरांत नगर पालिका परिषद की ओर से नगर पालिका कर्मचारी आवारा पशुओं को पकड़ने के लिए तो निकले लेकिन उन्होंने सिर्फ गाय और छोटे बछड़े को पकड़ कर ही खाना पूर्ति कर ली जबकि खतरनाक सांड आज भी बेझिझक घटना को अंजाम दे रहे हैं l नगर के हालात सिर्फ आवारा पशुओं तक सीमित नहीं हैं।
आवारा कुत्तों की संख्या में भी बेहताशा वृद्धि हुई है l जिसके कारण छोटे-छोटे बच्चे जो स्कूल या ट्युशन पढ़ने के लिए आना-जाना करते हैं या फिर गली मोहल्ले में बेझिझक खेलते रहते हैं उनके लिए खतरा बढ़ रहा है l
नगर पालिका के समस्त जिम्मेदार लोगों को अब हर हाल में अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी…..! तभी इस तरह की घटना की पूर्णावृति नहीं होगी l.