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“संडे मेघा स्टोरी में आज रविवार 5 जनवरी 2025 को पढ़िए बस्तर के निर्भीक , निडर और आम जनता से लेकर पुलिस प्रशासन तक की मदद करने वाले पत्रकार साथी जो इस दुनिया में नहीं है ! मुकेश चंद्राकर की कहानी l”

दल्ली राजहरा

रविवार 5 जनवरी 2025

भोजराम साहू 9893765541

संडे मेघा स्टोरी में आज  बीजापुर बस्तर के बेहतर साहसी और हिम्मती  टीवी पत्रकार की कहानी आपके सामने ला रहे हैं जो लोगों के लोकप्रिय पत्रकार थे l जिनकी 1 जनवरी 2025 को हत्या हो चुकी है l छत्तीसगढ़ से लेकर दिल्ली तक उस पत्रकार के हौसला और जज्बा के सामने नतमस्तक है ! हर जगह पत्रकार उनको श्रद्धांजलि दे रहे हैं !

पत्रकार मुकेश चंद्राकर को श्रद्धांजलि देते हुए आज उन्हें “संडे मेगा स्टोरी “का नायक बनाते हुए उन्हीं की कहानी आपके सामने प्रस्तुत कर रहे हैं !

अप्रैल 2021 को 5 साल की लड़की सोशल मीडिया पर एक पोस्ट करती है कि “उसके पापा को कुछ ना किया जाए उसे सकुशल उनके घर वापस भेज दिया जाए ” उनके पिता राकेश सिंह सोनहाल जो कि कोबरा बटालियन में सीआरपीएफ कमांडर हैं l उनकी कंपनी का जत्था जो बस्तर जा रहा था l बीजापुर के गांव टैकलगुड़ा में नक्सलियों ने उन पर हमला कर दिया था l उसमें 22 जवान शहीद हो गये तथा 35 घायल हो गए थे l राकेश सिंह सोन हाल इस घटना में बेहोश हो गए थे l जब उन्हें होश आया तो वह नक्सलियों के कब्जे में था l प्रशासन इसलिए पहल नही कर रहा था कि छोड़ने की अपील की जाए तो नक्सली उनकी हत्या ना कर दे l

इसी बीच एक पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने कहा कि यस पी सर से कहा कि सर! आपको ऐतराज ना हो तो हम स्थानीय लोग अपनी ओर से कोशिश कर सकते हैं l शासन से अनुमति मिलने पर मुकेश चंद्राकर स्थानीय प्रतिष्ठित और जिम्मेदार 11लोगों की टीम बनाई l सभी लोगों को साथ लेकर जंगल गये और उन नक्सलियों की तलाशी करते हैं l आखिरकार वे नक्सलियों से मिलते हैं l तब उन लोग नक्सलियों से अपील करते हैं कि उन्हें छोड़ दें और वे खुंखार नक्सली जो 22 जवान को शहीद कर चुके थे और 32 को घायल कर चुके थे l उस पत्रकार सहित 11 लोगों की टीम के अपील पर उन्हें नि : शर्त रहा कर देते हैं l उसी पत्रकार ने अपनी बाइक पर बैठकर उन्हें प्रशासन तक पहुंचाया था l दरअसल उसे बच्ची ने जो अपील की थी वह इतना मार्मिक था कि किसी का भी दिल पिघल जाता था l

पत्रकार चंद्राकर जो की लोगों के बीच प्रिय थे उनसे देखा नहीं गया और उन्होंने प्रशासन के सामने अपनी बात रखी l

एक दूसरी कहानी आपको बता रहे हैं l एक पीएमजीएसवाय के जूनियर इंजीनियर लकड़ा का नक्सली अपहरण के बाद 7 दिन तक उन्हें कब्जे में रखा था l प्रशासन तक डर कर पत्नी नहीं गई l मुकेश चंद्राकर ने उन्हें गांव गांव जाकर तलाश की और उनके पति को ढूंढ निकाला l वे नक्सलियों के जन अदालत में नक्सलियों से अपील की l उनके अपील पर उन्हें छोड़ दिया गया था l

यह कहानी जो है वो है पत्रकार मुकेश चंद्राकर की l

बेहद हिम्मती , मेहनती लोकप्रिय , वो गरीबों की मसीहा था जब भी किसी को मदद की जरूरत पड़ती वे मुकेश चंद्राकर के पास जाते थे l मुकेश चंद्राकर सरकार से अपील कर उनके समस्याओं का निराकरण करते और मदद भी करवाते थे l यह कहा जाए कि सही मायने में मुकेश चंद्राकर सरकार आम जनता के बीच मध्यस्थता का उदाहरण था l प्रशासन को भी जब भी उनकी मदद की जरूरत पड़ती उनके मदद के लिए खड़े हो जाते थे l

यही है इस पत्रकार की कहानी जो सबका प्रिय था l उसी का कत्ल हो जाता है आज इस कहानी के माध्यम से जानते हैं , क्या है घटनाक्रम ….l

1 जनवरी 2025 को बीजापूर के स्वतंत्र पत्रकार मुकेश चंद्राकर जो कि मीडिया को कवरेज करते थे l वे एनडीटीवी सहित कई समाचार चैनल के लिए स्वतंत्र पत्रकार के रूप में काम करते थे और बस्तर जंक्शन नामक एक यूट्यूब चैनल भी चलाया करते थे l साथ ही देश भर के पत्रकारों को भी खबर भेजते थे l जो पत्रकार अन्य जगह से बस्तर आते थे उनकी मदद करते थे l व्यक्ति उन्हें बुलाने के लिए फोन करता है l यह उनके साथ अक्सर होता था जब भी कहीं से फोन आता है वह उनसे मिलने चले जाते थे l लेकिन जब रात तक वे वापस नहीं आए l तब उनके बड़े भाई योगेश चंद्राकर को खबर लगी लगी तो उन्होंने सभी क्षेत्र मे पता कर उनकी तलाशी किया और उन्होंने यूट्यूब पर वीडियो अपलोड कर लोगों से अपील किया l अन्य पत्रकार ने भी अपने स्तर पर प्रयास चालू कर दिया l पुलिस भी मामला दर्ज कर जांच में लग गए l पत्रकारों को गूगल पर लोकेशन ढूंढने पर अंतिम लोकेशन का पता चला लोकेशन बीजापुर के ही चट्टानपारा बस्ती पर ट्रेस किया  जा रहा  था जहा से उनका मोबाइल बंद कर दिया गया था l तब सभी पत्रकार एकजुट होकर बीजापुर के एसपी जितेंद्र यादव के पास पहुंचे और उन्हें जानकारी दिया l एसपी सर उस लोकेशन पर पुलिस प्रशासन सहित पहुंचे  l वहां पर बैडमिंटन कोर्ट बना है  सभी उसे घर में कोर्ट को चारों तरफ ढूंढने लग गये l जब पत्रकार चारों तरफ देख रहे थे तब एक पत्रकार ने देखा कि एक पुरानी सेफ्टी टैंक पर नया ढलाई हुआ है l उसे नया बनाया गया और उसे पूरा पैक कर दिया गया है l तभी सभी पत्रकार एकजुट होकर पुलिस पर दबाव बनाया l जब सेफ्टी टैंक को तोड़ा जाता है तो उनकी लाश वहां तैरती हुई मिलती है l आखिरकार उनकी हत्या क्यों की गई  l कारण तलाशा गया तब पता चला कि उन्होंने 120 करोड़ की सड़क निर्माण घोटाले का समाचार प्रकाशित किया था l काम पूरा भी नहीं हुआ था और 90% की राशि का भुगतान कर दी गई थी l जब चंद्राकर का पीएम किया गया तब पता चला कि पहले उनका गला दबाया गया l बाद में उनके सीने और सर पर भारी चीज से वार किया गया l साथ ही सर पर कुल्हाड़ी से वार किया गया जो ढाई इंच का गड्ढा हो गया था l पुलिस जांच कर रही है हर संभव मदद की मुख्यमंत्री ने भी वादा किया है l

अभी तक पांच पत्रकारों की हत्या हो चुकी है जिसमें है विनोद बक्शी , मोहन राठौर , नेमीचंद जैन ,साई रेड्डी और अब मुकेश चंद्राकर l

मुकेश चंद्राकर बेहद हिम्मतवाला और मददगार पत्रकार थे l पुलिस से नक्सलियों के बीच भी मध्यस्थता कर कई लोगों को उनके जंगल से छुड़ाया था l हत्यारे ने इस पत्रकार की तो हत्या कर दी ,क्योंकि की यह जांच का विषय है l पुलिस ने शनिवार को ही तीन आरोपी दिनेश ,रितेश चंद्रकर और महेंद्र रामटेके को गिरफ्तार कर लिया है l इसमें से दो आरोपी मुकेश चंद्राकर के चचेरे भाई हैं l पुलिस ने सुरेश चंद्रवंशी को भी आरोपी बनाया है लेकिन वो फरार है l हत्यारे जो भी हैं l उसे कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए l  लेकिन मुकेश चंद्राकर जैसे लोग सदियों में एक पैदा होते हैं अब ऐसे लोग नहीं मिल पाएंगे l जो आम जनता के साथ-साथ पुलिस प्रशासन का भी सहयोग करता था l

अध्यक्ष सिटी प्रेस क्लब बालोद के टीकम पिपरिया  ने कहा कि सरकार को पत्रकार सुरक्षा कानून को जल्द से जल्द से अमली जामा पहनाना चाहिए  l पत्रकारों के खिलाफ फर्जी शिकायत की अंबार लग चुकी है l पत्रकार किसी सत्य को उजागर करता है तो उसे किसी फर्जी केस में फंसा दिया जाता है l राजनीति इतनी हावी हो गई है कि कई तरह के झूठे मामले में फंसान की कोशिश की जा रही है l इससे पत्रकार हतोत्सहित होने लगे हैं l लेकिन  पत्रकार प्रजातंत्र का चौथा स्तंभ है l इसलिए पत्रकारों के ऊपर एक नैतिक जिम्मेदारी है कि भ्रष्टाचारों के कारनामा करने वाले लोगों को उजागर करें l सरकार को ऐसे लोगों के ऊपर लगाम लगाना चाहिए तथा बिना जांच के पत्रकारों के ऊपर कोई भी मामला दर्ज नहीं करना चाहिए l

Bhojram Sahu

प्रधान संपादक "हमारा दल्ली राजहरा: एक निष्पक्ष समाचार चैनल"

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