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माननीय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सफलता का 1 वर्ष ,महतारी वंदन योजना में बहुओ को तो सम्मान ! लेकिन बेटिया अब भी योजना से वंचित क्यों….. ?

दल्ली राजहरा

शुक्रवार 13 दिसंबर 2024

भोज राम साहू 9893765541

प्रधानमंत्री मोदी जी के द्वारा मोदी की गारंटी के तहत छत्तीसगढ़ राज्य विधानसभा चुनाव से पहले महतारी वंदन योजना के माध्यम से प्रत्येक विवाहित महिलाओं को ₹1000 प्रति माह देने का वादा किया गया था l अपने वादे के अनुरूप राज्य में विष्णु देव  साय  की सरकार  बनते ही इस योजना को लागू कर दिया l सभी पात्र महिलाओं के खाते में 10 मार्च से ₹1000 की राशि डाल दी जा रही है l जिसकी महिलाओं के द्वारा मोदी जी की तारीफ की जा रही है कि माननीय मोदी जी के द्वारा अपने किए गए वादे के अनुरूप महिलाओं को सम्मान की राशि दे रही है l

छत्तीसगढ़ में कोरोना काल के समय तीन माह तक जनधन खाते में कुल ₹1500  महिलाओ दी गई थी l यह दूसरी बार है जब महिलाओं के खाते में महतारी वंदन योजना के अंतर्गत ₹1000 प्रति माह आ रहा है l इसके लिए सरकार के द्वारा शर्त मात्र इतना रखा गया है कि महिलाओं को विवाहित  होना अनिवार्य है l

दूसरा पहलू यह है सरकार ने बहुओ को प्रत्येक माह ₹1000 की राशि सम्मान स्वरूप दे रही है l लेकिन घर की बेटी जिसकी गरीबी परिस्थिति या अन्य समस्याओं के कारण विवाह नहीं हो पाई है उनका सम्मान नहीं कर पा रही है l बेटी और बहू को समान दृष्टि देखने का नारा सरकार की ओर से दिया जाता है जबकि दूसरी ओर बहु को तो सम्मान दिया जा रहा है l लेकिन बेटियों के लिए 1 साल होने के बाद भी सम्मान की बात सोची भी नहीं जा रही है l सरकार को बेटियों की ओर भी ध्यान देना चाहिए l एक उम्र दराज के बाद किसी बेटी का विवाह नहीं हो पाया हो उन्हें भी महतारी वंदन योजना के समकक्ष कोई दूसरा योजना लाकर उन्हें भी सम्मानित किया जाए l

आज मोदी जी के सफलता के झंडे विष्णु देव साय सरकार के द्वारा छत्तीसगढ़ के हर कोने में गाड़ा जा रहा है l बेटियों के पारिस्थिति के ऊपर भी विचार कर उन्हें भी सम्मान देने की सरकार पहल करें तो सही मायने में यही महिलाओं का सम्मान होगा l जहां सभी मातृशक्तियों को एक ही दृष्टिकोण से देखा जाएगा l

आज दल्ली राजहरा की कई ऐसे बेटियां हैं जिनकी उम्र अधिक हो गया है और विवाह नहीं हो पाया है वह इस योजना से मायूस है l

ऐसे ही एक उदाहरण है एक बेटी जिनकी उम्र 50 साल की लगभग है ,उनकी माता और पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी है l उम्र 50 वर्ष होने के कारण निराश्रित पेंशन के दायरे में भी नहीं आ पाई l यह हमारे सरकारी योजनाओं का एक दुखद उदाहरण है l एक और बेटी जो अपाहिज है जिनकी उम्र लगभग 40 साल की है l उन्हें दिव्यांगता का पेंशन तो मिलता है लेकिन महतारी वंदन योजना का पात्र नहीं बन पाई l

महतारी वंदन योजना महिलाओं को सम्मान देने का सरकार की बहुत ही बेहतर योजना है l इसमें महिलाओं को अपने स्वयं के जरूरी सामानों के खर्चे के लिए पैसे मिल जा रहे हैं लेकिन अविवाहित बेटियों को भी सम्मान देने के लिए सरकार को विचार करना चाहिए l

Bhojram Sahu

प्रधान संपादक "हमारा दल्ली राजहरा: एक निष्पक्ष समाचार चैनल"

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