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सायबर ठगो का नया तरीका अब OTP जनरेट कर की जा रही है ठगी !

दल्ली राजहरा
शुक्रवार 28 फरवरी 2025
भोजराम साहू 9893 765541

 

काल से ओटीपी जेनरेट कर की जा रही है ठगी य़ह साइबर ठगी का एक नया तरीका है lयूपीआई ने इस घोटाले का शिकार होने से बचने के लिए सुरक्षा सुझाव जारी किए है ,इसमें ठग आम जन को कॉल मर्ज करने के लिए कहते है और अनजाने में उनके वन-टाइम पासवर्ड (OTP) साझा करने के लिए दुष्प्रेरित करते है , इसेसे ठग ट्रांजेक्शन को पूरा करके पैसे चुरा लेते है ।

नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) द्वारा विकसित यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) ने अपने एक्स अकाउंट पर उपयोगकर्ताओं को चेतावनी देते हुए कहा, “साइबर ठग आपको ओटीपी बताने के लिए कॉल मर्जिंग का उपयोग कर रहे हैं। इसके झांसे में न आएं! सतर्क रहें और अपने पैसे की सुरक्षा करें।”

कैसे करते है ठगी
OTP आपके पास दो तरीके से आ सकता है एक एसएमएस के द्वारा दूसरा कॉल के माध्यम से जिसे ओटीपी बाय काल कहते है ,ऐसे काल को यदि आप रिसीव करते हो तो ओटीपी शेयर करते हो!

 

एक अनजान व्यक्ति के कॉल से घटना की शुरुआत होती है जो कहता है कि उसे आपके दोस्त से आपका फ़ोन नंबर मिला है। फिर ठग बताता है कि “दोस्त” किसी दूसरे नंबर से कॉल कर रहा है और आपसे कॉल को मर्ज करने के लिए कहता है। जो को ओटीपी काल होता है ,एक बार कॉल मर्ज हो जाने के बाद, उपयोगकर्ता अनजाने में ओटीपी बता देता है
जैसे ही ओटीपी दिया जाता है, धोखेबाज़ लेन-देन पूरा कर लेते हैं और पीड़ित के खाते से का पैसा गायब हो जाता है।
क्या करे/क्या नही करें
कभी भी अज्ञात नंबरों के साथ कॉल मर्ज न करें , कॉल मर्ज करने के लिए कहे जाने पर हमेशा सतर्क रहें, विशेष रूप से अपरिचित स्रोतों सेकॉल करने वाले की की पहचान कर लेवें, यदि कोई व्यक्ति आपके बैंक या किसी पहचान के व्यक्ति से जुड़े होने की बात कहता है , तो कोई भी कार्रवाई करने से पहले उसकी पहचान सत्यापित कर लेवें, यदि आपको काल के माध्यम से किसी ऐसे लेनदेन के लिए ओटीपी प्राप्त होता है, जिसे आपने शुरू नहीं किया है, तो तुरंत 1930 पर इसकी सूचना दें l www. cybercrime.gov.in पर रिपोर्ट करें।

Bhojram Sahu

प्रधान संपादक "हमारा दल्ली राजहरा: एक निष्पक्ष समाचार चैनल"

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