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सामूहिक एकता और भाईचारे का प्रतीक ईद-उल-फितर :– मुश्ताक अहमद अंसारी

दल्ली राजहरा
सोमवार 31 मार्च 2025
भोजराम साहू 9893 765541
जामा मस्जिद दल्ली राजहरा के सदर व मुस्लिम समाज के अध्यक्ष मुश्ताक अहमद अंसारी ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सभी नगरवासियों एवं मुस्लिम भाई-बहनों को ईद की मुबारकबाद दी।
मुश्ताक अहमद ने कहा कि रमजान एक ऐसा बा-बरकत महीना हैं, जिसका इंतेजार साल के ग्यारह महीने हर मुसलमान को रहता है, रोजा इंसान के जिस्म का जकात होता हैं, रोजदार इंसान के पूरे शरीर का रोजा होता है, जिसका मकसद ये भी है कि इंसान बुराई से जुड़ा कोई भी काम ना करें, कुल मिलाकर रमजान का मकसद इंसान को बुराइयों के रास्ते से हटाकर अच्छाई के रास्ते पर लाना है, इसका मकसद एक दूसरे से मोहब्बत, प्रेम, भाईचारा और खुशियां बांटना है, रमजान का मकसद सिर्फ यही नहीं होता कि एक मुसलमान सिर्फ किसी मुसलमान से ही अपने अच्छे अखलाक रखे, बल्कि मुसलमान पर ये भी फर्ज है कि वो किसी और भी मजहब के मानने वालों से भी मोहब्बत, प्रेम, इज्जत, सम्मान, अच्छा अखलाक रखे, ताकि दुनिया के हर इंसान का एक-दूसरे से भाईचारा बना रहे। इस महीने खास कर गरीब मजलूम का ख्याल रखा जाता है। ईद-उल-फितर सामूहिक भाईचारे और एकता का प्रतीक है। ईद मूल रूप से भाईचारे को बढ़ावा देने वाला त्योहार है। इस त्योहार को सभी आपस में मिल के मनाते है। जामा मस्जिद के ईमाम अब्दुल बशीर साहब और नायब ईमाम हकीक नूरी सहाब ने अल्लाह की बारगाह में पूरे हिन्दुस्तान के लिए अमन चैन और घरों में बरकत के लिए दुआएं मांगी हैं।