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सर्वाइकल समस्या से जुझ रहे युवा पत्रकार दीपक यादव की जान बचाने जनता से मदद की अपील …..!

दल्ली राजहरा

मंगलवार 17 जून 2025

भोज राम साहू 9893765541

➡️ युवक के रीढ़ की हड्डियों का हुआ है ऑपरेशन, सर्जरी कर गले के बीच डाला गया है पिंजरा,नागपुर में इलाज जारी l

 

➡️ सर्वाइकल समस्या से जूझते युवक की जान बचाने के लिए जनता से मदद की अपील, विभिन्न समाज के लोग आ रहे आगे l

 

 जिंदगी हर कदम एक नई जंग है ..! जीवन जीने के लिए मजबूत इरादे और हौसले की जरूरत है। तभी हम मुसीबत भरे इस जीवन में टिक पाएंगे। ऐसी ही कुछ मुसीबत का पहाड़ टूट पड़ा है बालोद जिले के जगन्नाथपुर के युवक दीपक यादव पर , जो पेशे से तो एक मीडिया कर्मी हैं पर शासन प्रशासन से उन्हें कोई मदद नहीं मिल रही और लगातार 2 साल से वे सर्वाइकल स्पाइन का दर्द झेल रहे हैं । 35 वर्षीय दीपक यादव (पत्रकार) की हाल ही में 9 जून को नागपुर के न्यूरोन अस्पताल में सर्वाइकल स्पाइन यानी रीढ़ की हड्डियों से संबंधित ऑपरेशन हुआ है। जहां उनका इलाज जारी है। सर्जरी के बाद आई कमजोरी और शरीर को कवर करने के लिए उन्हें लगातार अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है। सर्जरी के लगभग एक हफ्ते तक वे वेंटीलेटर पर ही थे। फिलहाल उन्हें जनरल वार्ड में शिफ्ट किया गया है। सर्जरी के बाद गले में टांके लगाए गए हैं। जो 30 जून तक खोला जाना प्रस्तावित है। इलाज में अब तक लगभग 2 लाख खर्च हो चुके हैं। पिछले साल भी उनके गले में मवाद आने और टॉन्सिल से संबंधित ऑपरेशन हुआ था। लगातार दो-तीन ऑपरेशन के चलते आर्थिक समस्या से जूझ रहे। गरीब परिवार से संबंध रखने वाले पत्रकार दीपक यादव की जान बचाने के लिए जनता भी एकजुट हुई है और ठेठवार (यादव ) समाज सहित अन्य समाज के लोग भी उनके इलाज में आर्थिक मदद कर रहे हैं।

➡️घर पहुंच कर समाज के लोगों ने की मदद l ⬅️

इस क्रम में यादव ठेठवार बालोद राज के पदाधिकारियों ने दीपक यादव ( पत्रकार) के घर जगन्नाथपुर जाकर परिवार जनों से उनके स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली। साथ ही उनकी माता को समाज द्वारा सहायता राशि के रूप में 5000 रुपए बालोद राज के तरफ से सहायतार्थ प्रदान किया गया। उक्त अवसर पर ठेठवार समाज बालोद राज के उपाध्यक्ष जयप्रकाश यादव, अंकेक्षक पवन यादव, महासचिव एलेन्द्र यादव, कोषाध्यक्ष हेमंत कुमार यादव, जनक यादव मंडल अध्यक्ष तरौद, राम स्वरूप यादव मंडल अध्यक्ष बालोद, महिपाल यादव मंडल अध्यक्ष नेवारी कला उपस्थित रहे। साथ ही दीपक यादव को फोन कर उनका हाल-चाल जाना। इस मदद पर नागपुर में इलाजरत दीपक यादव ने ठेठवार यादव समाज का आभार जताया है। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन ट्रांजैक्शन के जरिए भी एक शिक्षक नरोत्तम यदु की पहल से ठेठवार समाज के लोगों द्वारा आर्थिक मदद की गई है । छत्तीसगढ़ में सर्वाइकल स्पाइन की सर्जरी काफी महंगी होने और आयुष्मान कार्ड में भी इसका निश्चित और संपूर्ण पैकेज ना होने के चलते उन्हें नागपुर जाकर ऑपरेशन करवाना पड़ा और निरंतर उनका इलाज जारी है। डॉक्टर ने कहा है कि लगभग 3 महीने तक उन्हें निगरानी में रखा जाएगा। इस दौरान निर्धारित दवाइयां और आहार के साथ-साथ विभिन्न सावधानी बरतना काफी अनिवार्य है। जिसमें उनका खासतौर से गले और गर्दन को बचाना होगा। उन्हें किसी भी तरह से झुकना, गर्दन को मोड़ने, भारी वजन उठाने आदि कार्यों से मना किया गया है। सर्जरी बड़ी होने के कारण घाव भी गहरा है। जिससे कवर होने और वापस दिनचर्या में आने में समय लगेगा। ऐसे में उनके सर्जरी के बाद जारी निरंतर इलाज में भी काफी खर्च हो रहा है। अस्पताल में सर्जरी में ही 1 लाख 20 हजार रुपए खर्च हुए हैं। इसके अलावा दवाइयां और अन्य खर्चे में लगातार उन्हें आर्थिक समस्या झेलनी पड़ रही है। उनकी समस्या को देख मानवता दिखाते हुए लोग उनकी मदद के लिए भी आगे आ रहे हैं और उन्हें उनके गूगल पे/ फोन पे नंबर 9755235270 पर या खाता नंबर पर पैसे ट्रांसफर कर रहे हैं। इसके अलावा विभिन्न समाज और संगठन के लोग, साथ ही व्यक्तिगत लोग भी उनकी मदद कर अन्य लोगों से अपील कर रहे हैं।

एमआरआई रिपोर्ट से पता चल चुका था, सर्जरी की पड़ सकती है जरूरत, पर 1 साल तक दवाई और फिजियोथेरेपी करवा कर देख रहे थे l
दीपक यादव ने बताया कि एमआरआई रिपोर्ट में यह पता चल चुका था कि रीढ़ की हड्डी खिसकने से उनकी नस काफी दबी हुई है और ऑपरेशन की जरूरत पड़ सकती है। लेकिन कुछ डॉक्टर उन्हें ऑपरेशन न करवाने और दवाई लेकर देखने की सलाह दे रहे थे। कुछ जगहों पर वे लगातार फिजियोथेरेपी भी करवाते रहे। जिससे उन्हें तात्कालिक दर्द से तो राहत मिल पा रहा था लेकिन समस्या अंदरुनी थी। जिले के डॉक्टरों ने अपने स्तर पर उन्हें दर्द से राहत देने के लिए पूरा प्रयास किया। बालोद जिले के अलावा एम्स रायपुर और भिलाई में भी एक न्यूरो सर्जन के पास उनका इलाज चल रहा था। जिनका वे दवाई ले रहे थे। पर अंततः इस समस्या का स्थाई समाधान ऑपरेशन ही नजर आ रहा था। जिसके बाद दीपक यादव ने ऑपरेशन करवाने का निर्णय लिया।

➡️सर्जरी के बाद खतरे से बाहर पर समस्या अभी पूरी दूर नहीं हुई…l ⬅️

वही समस्या से जूझ रहे दीपक यादव ने बताया कि फिलहाल सर्जरी के बाद खतरे से बाहर हैं लेकिन कमजोरी के कारण शरीर में काफी दर्द है। तो वही गले के पास काट कर सर्जरी की गई है और रीढ़ की हड्डियों के बीच अंदर सर्वाइकल केज यानी एक तरह का पिंजरा लगाया गया है। जिससे डॉक्टरों को माइनर के बजाय बड़ा ऑपरेशन करना पड़ा है। इस वजह से खर्च भी काफी आया है। तो वही कमजोरी भी ज्यादा है। जिसे कवर होने में समय लगेगा।

➡️फिजियोथैरेपिस्ट डॉक्टर वीरेंद्र गंजीर ने की क्राउड फंडिंग की अपील: बूंद बूंद से घड़ा भर सकता है….l⬅️

इधर बालोद जिले के फिजियोथेरेपिस्ट डॉ वीरेंद्र गंजीर ने भी उनके इलाज में मदद के लिए लोगों से अपील की है। उन्होंने बताया कि सर्जरी से पूर्व दीपक यादव उनके पास फिजियोथेरेपी के लिए भी आ रहे थे। सोशल मीडिया पर पोस्टर डालकर उन्होंने क्राउड फंडिंग की अपील की है कि बूंद बूंद से घड़ा भर सकता है। जिससे जितना संभव हो सके, बिल्कुल मदद के लिए आगे आइए। ताकि सर्जरी के बाद कवर होने और दवाइयों आदि के खर्चे से कुछ हद तक राहत मिल सके। उनके इस अपील के बाद लोग आर्थिक मदद भी करने लगे हैं। जिस पर उन्होंने सभी सहयोगियों/ दानदाताओं का आभार जताया है।

➡️इस तरह से कर सकते हैं आप दीपक यादव की मदद …!⬅️

आप भी अगर दीपक यादव की जान बचाने में अपनी सहभागिता देना चाहते हैं तो उनके मोबाइल नंबर 9755235270 पर ही गूगल पे या फोन पे संचालित है या फिर उनके खाता नंबर (आईडीबीआई बैंक बालोद खाता नम्बर-1215104000202060आईएफसी कोड- IBKL0001215) पर भी सीधे पैसा भेज सकते हैं या उनके स्कैनर के जरिए भी आप भुगतान कर सकते हैं।

➡️इंटीरियर सर्वाइकल डिस्कटॉमी और फ्यूजन सर्जरी हुई है …! ⬅️

दीपक यादव की सर्जरी की बात करें तो उनका इंटीरियर सर्वाइकल डिस्कटॉमी और फ्यूजन सी 5-6 (Anterior Cervical Discectomy and Fusion – ACDF) गर्दन की रीढ़ (सर्वाइकल स्पाइन) से संबंधित समस्याओं के इलाज के लिए सर्जरी हुई है। सर्जरी कर उनके गले के भीतर रीढ़ की हड्डियों को व्यवस्थित करने सर्वाइकल केज यानि पिंजरा डाला गया है। यह सर्जरी दो मुख्य भागों से मिलकर बनती है: पहला डिस्कटॉमी (Discectomy): इसमें गर्दन के सामने (anterior) से एक चीरा लगाकर क्षतिग्रस्त इंटरवर्टेब्रल डिस्क (दो कशेरुकाओं के बीच की गद्दी) को हटा दिया जाता है। यह डिस्क अक्सर हर्नियेटेड (अपनी जगह से खिसकी हुई) या रोगग्रस्त होती है, जो रीढ़ की हड्डी या नसों पर दबाव डालती है, जिससे दर्द, सुन्नता या कमजोरी जैसे लक्षण होते हैं। दूसरा फ्यूजन (Fusion): डिस्क को हटाने के बाद, उस खाली जगह को भरने के लिए एक बोन ग्राफ्ट (हड्डी का टुकड़ा) डाला जाता है। यह बोन ग्राफ्ट आमतौर पर रोगी के अपने शरीर से (जैसे कूल्हे से) या दाता से लिया जा सकता है, या कृत्रिम हड्डी सामग्री का उपयोग किया जा सकता है। इस बोन ग्राफ्ट को एक धातु की प्लेट और स्क्रू की मदद से आसपास की कशेरुकाओं (vertebrae) के साथ जोड़ा जाता है। समय के साथ, बोन ग्राफ्ट आसपास की कशेरुकाओं के साथ जुड़कर एक ठोस हड्डी बन जाता है, जिससे उस सेगमेंट में गति रुक जाती है और रीढ़ की हड्डी स्थिर हो जाती है। रिकवरी में कुछ समय लगता है और इसमें गर्दन को स्थिर रखने के लिए कॉलर पहनना और फिजियोथेरेपी शामिल है। यह सर्जरी गर्दन में क्षतिग्रस्त डिस्क को हटाकर और आसपास की हड्डियों को एक साथ जोड़कर तंत्रिकाओं पर दबाव को दूर करती है और रीढ़ को स्थिर करती है।

Bhojram Sahu

प्रधान संपादक "हमारा दल्ली राजहरा: एक निष्पक्ष समाचार चैनल"

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