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“आस्था और भक्ति का केंद्र मां महामाया ! राजघराने के अलावा 12 गांव की कुलदेवी है मां महामाया l”

दल्ली राजहरा बुधवार 01 अक्टूबर 2025 भोजराम साहू 9893 765541
“आस्था और भक्ति का केंद्र मां महामाया ! राजघराने के अलावा 12 गांव की कुलदेवी है मां महामाया l”आस्था और भक्ति का केंद्र महामाया बहुत ही सुंदर शांत वातावरण के बीच ऊंची पहाड़ी पर बैठा मां महामाया प्राचीन मंदिर है l
जहां चारों तरफ लौह अयस्क के पहाड़ नजर आते हैं तो पास ही अनवरत हर मौसम में जमीन से निकलकर बहते हुए साफ पानी का झरना बेहतरीन लगता है l मंदिर में प्रवेश करने से पहले दोनों तरफ मां दुर्गा के नौ रूपों मूर्ति के रूप में डाला है जिसकी श्रद्धालु पूजा अर्चना करने के बाद ही मंदिर में प्रवेश करते हैं lतो मंदिर परिसर के ऊपर भगवान देव आदि देव महादेव के 12 ज्योतिर्लिंग के साथ शिवालय की स्थापना की गई है l
लोग बताते हैं कि मंदिर प्रांगण में स्थित गांव वाले बताते हैं कि जिसकी उम्र 80 से ऊपर की रही होगी l वे बताते हैं कि हम लोग नहीं जानते कि कितने समय से मां महामाया का हम लोग सेवा करते हुए आ रहे हैं l लेकिन हम लोगों ने हमारे बाप दादाओ से सुना है कि मां का पूजा अर्चना उस जमाने से लोग करते आ रहे हैं l जब 6 मासी रात और 6 माह से दिन हुआ करता था l
सभी देवी देवता रात में घेरा बना रहे थे l अचानक जब सुबह हुआ तो जो देवी देवता जहां पर खड़े थे वहीं पर मूर्ति के रूप में पत्थर के हो गए l जिसे स्थापित कर आज भी पूजा अर्चना किया जाता है l
इस मंदिर परिसर में ऊंचाई पर मां महामाया भगवान शंकर, ब्रह्मा विष्णु महेश की मूर्ति है l तो मंदिर परिसर के नीचे भगवान गणेश का दक्षिण मुखी मूर्ति स्थापित है l
मां महामाया को आसपास के 12 गांव वाले इसे अपनी कुलदेवी के रूप में पूजा करते हैं l हर दशहरा के समय यहां धान की बालि चढ़ाते है ,जो कि बर्षों पुरानी परंपरा है l
शारदीय नवरात्रि के महा अष्टमी के दिन आसपास के पूरा 12 गांव के लोग इकट्ठा होते हैं l जहां ज्योति कलश विसर्जन इन गांव की वालों के सम्मुख किया जाता है जो विशाल भीड़ नजर आता है l जिन 12 गांव वाले इसे कुलदेवी मानते है उनमें से हैं कुमुड़कट्टा , इमलीपारा तूयेदंड ,नलकसा ,भीड़कापार नारंगसुर , कोटागांव ककरेल , बमहणी महामाया औऱ कुशवाड़ा l
माँ महामाया को डौंडीलोहारा के राजघराने की कुलदेवी भी कहा जाता है l कहा जाता है कि राज परिवार हर खुशी के मौके पर मां के दर्शन करने अवश्य आते हैं l देखा गया कि स्व. लाल महेंद्र सिंह टेकाम जब डौंडीलोहारा विधानसभा क्षेत्र से विधायक के रूप विजय हुए थे l तब वे अपनी विजय जुलूस की शुरुआत मां महामाया के दर्शन के उपरांत ही शुरुआत किए थे l
मां महामाया मंदिर में ज्योति कलश स्थापना 1972 से की जा रही है l ज्योति कलश के लिए देश ही नहीं विदेश से भी लोग अपने मनोकामना पूर्ण के लिए ज्योतिष कलश स्थापना करते हैं l दीवारों पर लिखे नाम से पता चलता है कि बालोद जिला के भक्तों के अलावा छत्तीसगढ़ के अन्य प्रांतों यहां पर भोपाल दिल्ली कोलकाता जैसे शहरों और विदेशों अमेरिका निवासियों का भी नाम ज्योति कलश के लिस्ट में अंकित है l मां महामाया मंदिर के मुख्य पुजारी बलराम कोर्राम है तथा सरजू रामसागर जो की बैगा का कार्य देख रहे हैं उनके सहायक हैं देवेंद्र गावडे , शिव नेताम , युवराज गावडे , सरोज मंडावी, संतराम मंडावी जय चुरेंद्र , हिमाचल मंडावी, कुश कुमार यादव , संजय मंडावी हेमंत हिरामी अलीराम , रोहित कुमार ,करण कुमार , रोशन कुमार अनिल नरेटी l
भिलाई इस्पात संयंत्र लौह अयस्क समूह दल्ली राजहरा के सीएसआर फंड से लगभग 48 लाख रुपए से महामाया पहुंच मार्ग का निर्माण 2023_24 में तो करा दिया है जो कि एक बेहतरीन काम है l लेकिन दल्ली राजहरा से महामाया तक रोड की जो दुर्दशा है उसे माता के दर्शन करने जाने वाले को भक्तों के लिए बहुत समस्या होती है l सकरा रोड होने पर आयरन ओर लेकर जाने वाली गाड़ियों की तेज रफ्तार वाहन चालक के लिए खतरनाक साबित हो सकता है l
बेहतर हो रोड की चौड़ीकरण के साथ-साथ रोड की मरम्मत भी इस फंड से कराया जाए l ताकि लोगों को मां के दर्शन करने में कोई समस्या ना हो तथा इसे एक पर्यटक स्थल के रूप में भी विकसित करने के लिए जिला प्रशासन और राज्य सरकार इस दिशा में कदम बढ़ाए l जिससे लोगों को रोजगार भी मिलेगा l
बस इतना ही! भोज राम साहू संपादक हमारा दल्ली राजहरा 9893765541 आपके पास भी आस्था और मान्यता का कोई समाचार होता अवश्य बताएं!