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ग्राम कुसुमकसा से महादेव का जल अभिषेक करने झरण कुंड से जल लेने दल्ली राजहरा आएंगे “कांवड़िया “

 दल्ली राजहरा शनिवार 2 अगस्त 2025 भोज राम साहू 9893765541

 दल्ली राजहरा से 9 किलोमीटर दूर ग्राम कुसुमकसा के ग्रामीणों के द्वारा अंतिम सावन सोमवार के पूर्व दिवस कल रविवार 3 अगस्त 2025 को सुबह 10:00 बजे विशाल कावड़ यात्रा दल्ली राजहरा के झरन मैया कुंड के लिए निकाली जाएगी l

 

विशाल कावड़ यात्रा के संबंध में कुसुम कसा के पूर्व जनपद सदस्य संजय बैस ने बताया कि यह कावड़ यात्रा कुसुम कसा एवं आसपास के ग्रामीणों के द्वारा लगभग विगत 30 वर्षों से निकाली जा रही है l जिसकी शुरुआत 1990 के दशक में स्वर्गीय बुटु सिंह जी बैस नवल किशोर मिश्रा सोहनमल डरसेना डॉक्टर भूपेंद्र मिश्रा के द्वारा शुरुआत किया गया था l यह कावड़ यात्रा वर्तमान में कुसुम कसा के दुर्गा मंदिर के पुजारी लखन गोस्वामी के नेतृत्व में य़ह कावड़ यात्रा निकाली जा रही है l

इस कावड़ यात्रा में लगभग ढाई सौ से भी अधिक महिला पुरुष बच्चे बड़े उत्साह के साथ कुसुम काश से लगभग 9 किलोमीटर पैदल चलकर झरन माता मंदिर परिसर स्थित प्राकृतिक झरन कुंड पहुंचते हैं और वहां से फिर वापस 9 किलोमीटर पैदल चलकर कुसुमकसा पहुंचकर ग्राम पंचायत के समीप स्थित भगवान शिव के मंदिर में जल अभिषेक करते हैं l कावड़ यात्रा की शुरुआत ग्राम कुसुमकसा में सुबह 10:00 बजे से होगी l

➡️🔥🌺🚩क्या है कुसुमकसा के भगवान शिव के मंदिर का इतिहास🚩🌺🔥⬅️

मंदिर निर्माण के संबंध में संजय बैस ने बताया कि सन 1960 के दशक के समय उत्तर प्रदेश से एक भागवताचार्य मणि प्रसाद मिश्रा कुसुमकसा आए थे l वह गांव-गांव घूम कर भगवान की कथा सुनाया करते थे और इसी समय वह दान दक्षिणा के माध्यम से लगभग ₹3000 की राशि एकत्र किया था और उन्होंने ग्रामीणों के समक्ष भगवान शिव की विशाल मंदिर बनाने का प्रस्ताव रखा l
जिसे ग्रामीणों ने सहर्ष स्वीकार किया , अपनी ओर से जैसा भी बन पड़ा उन्होंने सहयोग किया और मंदिर का निर्माण प्रारंभ हुआ l इसी बीच भागवताचार्य ने बताया कि जिस दिन महादेव की मंदिर का निर्माण पूर्ण होगा और मंदिर में भगवान की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होगी वह मैं नहीं देख पाऊंगा l उससे पहले ही मैं इस संसार से विदा हो जाऊंगा l यह बात गांव वालों के मन में रह गई फिर भी उन्होंने अनमने मन से भगवान शिव के मंदिर की निर्माण निरंतर जारी रखा और अंततः मंदिर का निर्माण पूर्ण हुआ l

 पंडितों के द्वारा मंदिर में भगवान शिव की प्राण प्रतिष्ठा की तारीख तय की गई और पंडित मणि प्रसाद द्वारा कहे गए बात भी उस दिन सत्य हो गई जब मंदिर परिसर की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व मंदिर में बैठे ही बैठे उनकी प्राण पखेरू उड़ गए l ग्रामीणों ने पहले पंडित जी की अंतिम संस्कार क्रिया करने के पश्चात ही भगवान शिव का प्राण प्रतिष्ठा किया l

संजय बैस ने बताया कि उनकी मौत अप्रत्याशित थी लेकिन हमारे लिए यह घटना अलोकीक रह गई l ग्रामीण बड़े हर्षो उल्लास के साथ कावड़ यात्रा आज भी जारी रखे हुए हैं l पहले कावड़ यात्रा साधारणतः होता था l लेकिन वर्तमान समय के हिसाब से डीजे और संगीत के साथ ही विशाल कावड़ यात्रा निकाला जाता है l जिसके लिए पिछले 3 साल से राम जानकी सेवा समिति कुसुमकसा पूरा सहयोग कर रहे हैं l इस कावड़ यात्रा जो पिछले 30 सालों से अनवर जारी है उसमें आज भी ग्रामवासी पूरे जोश के साथ महादेव के भक्त बन पूरा कर रहे हैl

Bhojram Sahu

प्रधान संपादक "हमारा दल्ली राजहरा: एक निष्पक्ष समाचार चैनल"

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